कथा वाचक साध्वी जया किशोरी एक ऐसा नाम है, जिसे आज हर कोई जानता है। जिस उम्र में बच्चे किताबों के पन्ने पलटते हैं, उस उम्र से जया भगवत गीता, नानी बाई का मायरो, नरसी का भात जैसी कथाएं सुना रही हैं और अब तक देश के तमाम हिस्सों में 400 के करीब कथाएं कर चुकी हैं।
कथावाचन के साथ में ही उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा जारी रखी है। जया किशोरी ने हाल ही में अपनी बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की है। यूट्यूब, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर जया किशोरी के लाखों दीवाने हैं और उन्हें खूब सुना जाता है। उनकी आवाज और भजनों में ऐसा जादू होता है कि लोग झूमने लगते हैं। जया किशोरी के तमाम भजन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। बता दें कि जया किशोरी मूल रूप से सुजानगढ़, राजस्थान से ताल्लुक रखती हैं।
साधा खानपान पसंद: जया किशोरी को साधारण खानपान के साथ सादा जीवन जीना पसंद है। जया बताती हैं कि उन्हें घर पर रहने का समय कम ही मिलता है। कई-कई महीनों तक वे कथा वाचन के लिए बाहर ही रहती हैं। जया बताती है कि उन्हें खाना बनाना अच्छा लगता है, लेकिन बहुत कम ही मौका मिलता है। जब भी वे घर पर आती हैं तो माँ के हाथ का खाना ही पसंद करती हैं।
जया प्याज और लहसुन नहीं खाती हैं। हालांकि उन्हें पिज्जा और चटपटी चीजें खाना बेहद पसंद है। लेकिन चॉकलेट पसंद नहीं है। स्वास्थ्य को लेकर वे हमेशा सजग रहती हैं और वर्क आउट करती हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों में कॉफी वजन कम किया है। वे अपने पिता को प्रेरणा का स्रोत मानती हैं।
जब कभी उन्हें कुछ समय मिलता है तो वे किताबें पढ़ना भी बेहद पसंद करती हैं। जया बताती हैं कि वे एक सामान्य लड़की की तरह शादी करेंगी। कहती हैं कि गृहस्थ होकर भी भक्ति की जा सकती है और हर किसी को भगवान की भक्ति जरूर करनी चाहिए।
जया अपने समागम में भक्तों के सवालों के भी जवाब बहुत ही सरलता और प्रभावी ढ़ंग से देती हैं। जब वैवाहिक रिश्तों पर उनके श्रोता सवाल करते हैं तो वे कहती हैं कि “प्रेम विवाह और पारिवारिक मिलन विवाह में शादी के पहले दोनों लोगों का मिलना, समय गुजारना बहुत जरूरी है।” जया कई इंटरव्यू में कहती हैं कि हमें अपनी भाषा के साथ साथ दूसरों की भाषा और संस्कृति भी सीखनी चाहिए। भक्ति के साथ वे पढ़ाई को भी महत्व देती हैं। सोशल मीडिया पर उनके 18 लाख से भी ज्यादा फॉलोवर हैं।