ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का विशेष महत्व होता है। इसके अनुसार व्यक्ति के शरीर का संचालन भी ग्रहों के अनुसार ही होता है। वैदिक शोधकर्ताओं का मानना है कि सूर्य आंख, चंद्रमा मन, मंगल रक्त संचार, बुध हृदय, बृहस्पति बुद्धि, शुक्र रस या भाग्य, शनि और राहू-केतू उदर के स्वामी होते हैं। ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन में जो भी परेशानी आ रही है, उसका कारण कुंडली में किसी ग्रह का दोष हो सकता है।
हर किसी की जन्म कुंडली का एक मुख्य ग्रह होता है। कुंडली में 9 ग्रह और 12 राशियों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में यदि मुख्य ग्रह की दशा कमजोर हो तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुछ खास उपाय करने से कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।
-सूर्य दोष: अपनी कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन 9 मोर पंखों को एक-साथ लेकर इनको मैरून धागे से बांध दें। इसके बाद एक थाली में सभी पंखों को रखकर उस पर 9 सुपारी रखते हुए गंगाजल छिड़कें। साथ ही 21 बार ‘ओम सर्याय नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा:’ का जाप करें। इसके बाद सूर्य देव को दो नारियल अर्पित करें।
-चंद्र दोष: इसे दूर करने के लिए सोमवार के दिन 8 मोर पंखों को एक-साथ लेकर इनको सफेद धागे से बांधकर एक ताली में रख दें। फिर इस पर 8 सुपारियां रखते हुए गंगाजल छिड़कें। सााथ ही 21 बार ‘ओम सोमाय नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा:’ का जाप करें। इसके बाद चंद्र देव को पांच पान के पत्ते अर्पित करें। इससे कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर हो जाएगा।
-मंगल दोष: अपनी कुंडली में मंगल को मजबूत करने के लिए जमीन पर सोने का प्रयास करें। हफ्ते में एक दिन नमक न खाएं। साथ ही गुड़ और दलिये का जरूर सेवन करें।
-बुध दोष: इस दोष को दूर करने के लिए साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। साथ ही हरी सब्जियों का ग्रहण करें। संगीत सुनने की आदत भी डालें।
-गुरु दोष: अपनी कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करने के लिए खाने में हल्दी का प्रयोग जरूर करें। साथ ही सात्विक भोजन ग्रहण करें। हाथ में सोने या फिर पीतल का एक छल्ला जरूर धारण करें।
-शुक्र दोष: साफ-सुथरे और सुंदर कपड़े धारण करना चाहिए। नहाने के बाद इत्र का जरूर प्रयोग करें। दोपहर के खाने में दही को जरूर शामिल करें।
-शनि: इसके लिए भोजन और सिर की मालिश के लिए भी सरसों के तेल का प्रयोग करें। खाने के लिए स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें। काले रंग के जूते, चप्पल, पर्स और बेल्ट धारण करें।
-राहू और केतू: रोजाना स्नान करें। सुबह खाली पेट तुलसी के दो पत्ते का सेवन करें। हफ्ते में एक दिन मंदिर जरूर जाएं।