नया साल लगने में अब कुछ ही दिनों का समय बाकी रह गया है और इन आखिरी दिनों में सूर्य ग्रहण लग रहा है। विज्ञान अनुसार ये वलयाकार सूर्य ग्रहण है। इस ग्रहण के दौरान चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी। इस प्रक्रिया में सूर्य का 97 % भाग चंद्रमा द्वारा ढक जायेगा। लेकिन सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहेगा। जिस कारण सूर्य इस दौरान एक आग की अंगूठी की तरह नजर आयेगा। इस सूर्य ग्रहण की सर्वाधिक लम्बी अवधि 3 मिनट और 39 सेकण्ड की होगी।
आने वाला साल 2020 कैसा होगा? जानिए अपनी राशि के अनुसार वार्षिक फल:
सूर्य ग्रहण और सूतक काल का समय (Surya Grahan Time And Sutak):
सूर्य ग्रहण का प्रारम्भ – 08:17 ए एम
परमग्रास – 09:31 ए एम
ग्रहण समाप्ति – 10:57 ए एम
खण्डग्रास की अवधि – 02 घण्टे 40 मिनट्स 06 सेकण्ड्स
सूतक प्रारम्भ समय – 05:31 पी एम, दिसम्बर 25 से
सूतक समाप्त – 10:57 ए एम
सूर्य ग्रहण से संबंधित पल पल की जानकारी जानने के लिए बने रहिए हमारे इस ब्लॉग पर…
सूर्य ग्रहण का उठाएं लाभ, कर लें ये 5 काम नया साल गुजरेगा शानदार
- आय में होगी वृद्धि
- सुख-शांति का होगा वास
- मान-सम्मान में होगी वृद्धि
- प्रमोशन का मिलेगा अवसर
- परेशानी होंगी दूर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दो अशुभ ग्रहों राहु और केतु के कारण ग्रहण लगता है। सूर्य ग्रहण के दौराण केतु सूर्य को ग्रसित करता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रहों के राजा के ग्रसित हो जाने से आसुरी शक्तियां जागृत हो जाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो रोगाणुओं का प्रभाव बढ़ जाता है। सूर्य से निकलने वाले अल्ट्रावॉयलेट किरणों से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए भी सूर्य ग्रहण के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए स्नान करना चाहिए।
- घर पर करें गंगाजल का छिड़काव
- घर के मंदिर में रखी मूर्तियों को कराएं शुद्ध जल से स्नान
- ग्रहण समाप्ति के बाद करें शुद्ध भोजन
- ग्रहण समाप्ति के बाद करें दान धर्म का कार्य
यह ग्रहण भारत के साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी/पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में दिखाई दिया। यह सूर्यग्रहण खाड़ी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, चीन और पूर्वी एशिया के बड़े हिस्से में दिखाई दिया। पौष के महीने में पड़ने वाले इस सूर्य ग्रहण से एक दिन पहले मंगल राशि परिवर्तन करके जल-तत्व की राशि वृश्चिक में प्रवेश किया है, ऐसे में ग्रहण के 3 से 15 दिनों के भीतर प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, सुनामी और खूब बर्फबारी होने की आशंका है।
दिल्ली से सटे नोएडा में भी लोगों को सूर्यग्रहण की झलक देखने को मिली। नोएडा में सूर्य ग्रहण के दौरान सुबह 9:35 से 9:40 तक सूरज इस तरह नजर आया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ इस तरह से देखा सूर्य ग्रहण का नजारा। उन्होंने ट्विटर हैंडल से तस्वीरें शेयर की हैं...
नये साल में पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगेगा। जिसे भारत समेत अमेरिका, पूर्वी यूरोप, दक्षिणी यूरोप और अफ्रीका में देखा जा सकेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसे प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। इस तरह 2020 में कुल दो सूर्य ग्रहण लगेंगे।
दुबई में सूर्य ग्रहण का नजारा कुछ यूं दिखाई दिया...
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण एक आग की अंगूठी की तरह नजर आने वाला है. वैज्ञानिक इसे ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दे रहे हैं. इस ग्रहण में सिर्फ सूरज का मध्य भाग ही छाया के क्षेत्र में आता है जबकि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित रहता है.
वैज्ञानिकों की सलाह के मुताबिक सूर्यग्रहण नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे रेडिएशन का खतरा रहता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक “आईएसओ 12312-2 अंतर्राष्ट्रीय मानक” के साथ प्रमाणित चश्मे से ही ग्रहण देखना चाहिए। वे नासा के अनुसार उपयोग के लिए सुरक्षित हैं। अन्य विकल्पों के तौर पर 14 वेल्डर का ग्लास, या एक पिनहोल प्रोजेक्टर का उपयोग कर जो उपयोगकर्ता को कागज या कार्डबोर्ड पर सूर्य की तस्वीर को प्रोजेक्ट करने की अनुमति देता है, का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ग्रहण के समय खाने-पीने या दैनिक कार्यकलाप की कोई मनाही नहीं होती है।
इस बार का सूर्य ग्रहण विशेष माना जा रहा है क्योंकि इस सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं जो आज से कई साल पहले बनी थी। ज्योतिषियों की माने तो 26 दिसंबर को लगने वाले ग्रहण जैसी स्थिति वर्ष 1962 में भी बनी थी जब 7 ग्रह एक साथ थे। इतने ग्रहों के एक साथ होने से इस ग्रहण का असर लंबे समय तक रहने वाला है।
कानपुर में आंशिक/खण्डग्रास सूर्य ग्रहण
ग्रहण प्रारम्भ काल - 08:18 ए एम
परमग्रास - 09:35 ए एम
ग्रहण समाप्ति काल - 11:06 ए एम
खण्डग्रास की अवधि - 02 घण्टे 47 मिनट्स 48 सेकण्ड्स
यह सूर्य ग्रहण भारत, श्रीलंका, सऊदी अरब, सुमात्रा तथा बोर्नियो में दिखाई देगा। ऊटी, मंगलुरु, कासरगोड, करूर, कोझिकोड, टेलिचेरी, कोयम्बटूर, शिवगंगा, तिरुचिरापल्ली, जाफना, अल होफुफ तथा सिंगापुर कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ पर वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा। मुम्बई, बेंगलुरु, नई दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कन्याकूमारी, रियाद, दोहा, अबू धाबी, मस्कट, कुवैत सिटी, कराची, कुआलालम्पुर, जकार्ता आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
ग्रहण प्रारम्भ काल - 08:07 ए एम, परमग्रास - 09:30 ए एम, ग्रहण समाप्ति काल - 11:12 ए एम, खण्डग्रास की अवधि - 03 घण्टे 04 मिनट्स 55 सेकण्ड्स
बीएचयू के खगोलशास्त्री के अनुसार पृथ्वी व सूर्य के बीच जब चंद्रमा आ जाता है तो उस समय सूर्यग्रहण होता है। इस परिस्थिति में सूर्य पूरी तरह से ढक जाते हैं।
तुला राशि के तीसरे भाव को यह ग्रहण प्रभावित करेगा। इस राशि के जातक मां दुर्गा का जाप करें जिससे नकारात्मक प्रभाव होगा। वृश्चिक राशि वाले सुंदरकांड का पाठ करें। धनु राशि के लग्न को प्रभावित करेगा।
परमग्रास - 09:22 ए एम
ग्रहण समाप्ति काल - 10:55 ए एम
सूतक समाप्त - 10:55 ए एम
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त - 10:55 ए एम
परमग्रास - 09:31 ए एम
ग्रहण समाप्ति काल - 10:57 ए एम
सूतक समाप्त - 10:57 ए एम
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त - 10:57 ए एम