Surya Grahan 2018 Dates and Time in India, सूर्य ग्रहण कब है 2018, Solar Eclipse 2018 Date in India Timings: 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह साल 2018 का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। बताया जा रहा है कि भारत में सूर्य ग्रहण आंशिक तौर पर ही होगा। ज्योतिषों का कहना है कि सूर्य ग्रहण के सूतक काल का प्रभाव भारत में नहीं पड़ेगा। मालूम हो कि सूर्य ग्रहण से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा का खतरनाक माना जाता है। इस बार भी इसके प्रति सावधानी बरतने की बात कही जा रही है। खास तौर पर गर्भवती महिलाओं को इसके प्रति विशेष रूप से सावधान रहना होगा। फिलहाल इस सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल बने हुए हैं। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको सूर्य ग्रहण के सही समय के बारे में बताने जा रहे हैं।
ज्योतिष जानकारों का कहना है कि 13 जुलाई को सुबह के समय सूर्य ग्रहण पड़ेगा। सूर्य ग्रहण सुबह 7 बजकर 18 मिनट 23 सेकंड से शुरू होगा, जो कि 8 बजकर 13 मिनट 5 सेकंड तक रहेगा। मालूम हो कि सूर्य ग्रहण के मध्यम और मोक्ष काल का विशेष महत्व होता है। इस बार सूर्य ग्रहण का माध्यम काल 8 बजकर 13 मिनट 5 सेकंड पर होगा और मोक्ष 9 बजकर 43 मिनट 44 सेकंड पर होगा। वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार 13 जुलाई को आषाढ़ मास की अमावस्या होगी। इस प्रकार से यह सूर्य ग्रहण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। माना जाता है कि आषाढ़ की अमावस्या के बाद से वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है।
Surya Grahan 2018 Date and Time India Live Update
Surya Grahan 2018: जानिए क्या है सूर्य ग्रहण, कब और कैसे लगता है यह
ज्योतिषियों का कहना है कि इस आंशिक सूर्य ग्रहण से कुल पांच राशि के जातकों को सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है। ये राशियां हैं- मेष, मिथुन, तुला, मकर और सिंह। उल्लेखनीय है कि सामान्य तौर पर सूर्य ग्रहण का लगना शुभ नहीं माना जाता। कहते हैं कि यह ज्यादातर राशि के जातकों के लिए मुश्किल समय आने का संकेत होता है।
Chandra Grahan 2018 Date: जानिए कब है चंद्रग्रहण और क्यों कहा जा रहा है इसे ‘ब्लड मून’
मालूम हो कि हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए आषाढ़ अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन हिंदू लोग बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ दान करते हैं। इसके साथ ही इस दिन गंगा नदी में स्नान भी किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सूर्य ग्रहण के दौरान वातारण के दूषित हो जाने की मान्यता है। कहा जाता है कि दूषित वातावरण का प्रकृति के जीवों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसके प्रति खास सावधानियां बरती जाती हैं।