देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से होती हुई गंगा नदी मैदानी क्षेत्र हरिद्वार में प्रवेश करती है, जहां हर की पैड़ी में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का तप स्थान ब्रह्मा कुंड स्थित है। वहीं पर हर की पैड़ी से आगे श्रीदशनामी संन्यासी परंपरा का श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा मायापुर क्षेत्र में गंगा के तट पर विराजमान है और इस गंगा के पावन तट पर निरंजनी अखाड़ा परिसर में श्रीमनसा देवी चरण पादुका स्थित है।

हरिद्वार में ही बिल्वपर्वतमाला पर श्रीमनसा देवी का सिद्ध मंदिर स्थित है। मान्यता है कि मनसा देवी जब हरिद्वार में प्रगट हुई तो सबसे पहले उनके श्रीचरण श्रीनिरंजनी पंचायती अखाड़ा परिसर में गंगा के पावन तट पर पड़े और यह स्थान श्री चरण पादुका मनसा देवी के रूप में प्रसिद्ध हो गया जहां पर श्रीनिरंजनी पंचायती अखाड़ा की धर्म ध्वजा हर कुंभ मेले में फहराई जाती है।

श्रीनिरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज कहते हैं कि श्रीचरण पादुका मनसा देवी के दर्शन करने से मनुष्य को सर्प काल दोष से मुक्ति मिलती है और मनुष्य मृत्यु के भय से मुक्ति प्राप्त करता है। यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। मनसा देवी नागकन्या मानी जाती हैं इसीलिए श्रीचरण पादुका मनसा देवी के पूजन से नाग देवता प्रसन्न होते हैं।

श्रावण मास, शारदीय और चैत्र नवरात्र में श्री चरण पादुका मनसा देवी के दर्शन और पूजन करने से मनुष्य को शिव और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा आदि जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित दशनामी संन्यासी परंपरा के तहत आता है इसीलिए इस अखाड़े में शिव और शक्ति दोनों की पूजा की जाती है।

कुंभ मेले के अवसर पर हरिद्वार के निरंजनी पंचायती अखाड़े में स्थित श्रीचरण पादुका मनसा देवी परिसर में जब धर्म ध्वजा स्थापित की जाती है, तब मनसा देवी चरण पादुका की वैदिक विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। शिव का गले का हार नाग देवता है इसीलिए शिव और श्रीचरण पादुका मनसा देवी की पूजा का दशनामी संन्यासी परंपरा में विशेष महत्व है।

शिव और श्री चरण पादुका मनसा देवी दोनों की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जिनकी अकाल काल मृत्यु होती है यदि वे श्री मनसा देवी चरण पादुका की पूजा अर्चना करते हैं तो उनकी आत्मा को मुक्ति प्रदान होती है। हरिद्वार में जिस स्थान पर श्री मनसा देवी चरण पादुका स्थापित है वह स्थान मायापुरी क्षेत्र में होने के कारण और अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में हरिद्वार तीर्थ नगरी की आराध्य देवी माया देवी का मंदिर, काल भैरव का मंदिर और श्रीनारायणी शिला स्थापित है इसलिए यह स्थान शिव-विष्णु और माया देवी तीनों का पवित्र केंद्र है जो तंत्र साधना करने वालों के लिए विशेष महत्त्व वाला है।