Puja Mein Chhink Aana Shubh-Ashubh Sanket: सामान्य जीवन में छींक आना आम बात है। सर्दी-जुकाम, धूल या किसी एलर्जी के कारण लोग छींकते हैं। लेकिन भारतीय परंपरा और शगुन शास्त्र में इसका विशेष महत्व बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार, किसी शुभ कार्य से पहले छींक आना अपशकुन होता है। हालांकि शास्त्रों में बताया गया है कि हर बार छींक आना अशुभ नहीं होता है। शगुन शास्त्र के अनुसार छींक कई बार शुभ संदेश भी देती है। वहीं, कई बार पूजा करते समय लोगों को छींक आ जाती है। ऐसे में वह सोच में पड़ जाते हैं कि इसे शुभ माना जाता है या अशुभ। ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में क्या कहता है शास्त्र…
पूजा के समय छींक आना शुभ या अशुभ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ शुरू करते समय छींक आ जाए, तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है। यह आपके कार्य में बाधा आने का संकेत माना जाता है। अगर आपको भी पूजा के दौरान छींक आ जाए तो थोड़ी देर रुककर जल से आचमन (पानी पीकर या कुल्ला करके) फिर से पूजा शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी शुभ कार्य स्थल जैसे विवाह मंडप या पूजा स्थल पर छींक आए तो इसे अशुभ माना जाता है और कार्य में रुकावट का संकेत समझा जाता है।
ऐसी छींक होती है शुभ
- अगर उत्तर या पश्चिम दिशा से छींक की आवाज सुनाई दे तो इसे सौभाग्य और नए अवसरों का संकेत माना जाता है। साथ ही, इससे करियर में तरक्की के भी योग बनते हैं।
- इसके अलावा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) से छींक की आवाज सुनाई दे तो यह धन लाभ और घर में समृद्धि आने का संकेत माना जाता है।
- वहीं, अगर श्मशान घाट में किसी ऐसी जगह पर छींक आए जहां दुख का माहौल हो तो इससे शुभ संकेत माना जाता है।
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