Shardiya Navratri 2025, Maa Durga ke 108 Naam: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बेहद पावन और पवित्र माना जाता है। यह नौ दिनों का उत्सव मां दुर्गा की भक्ति और साधना को समर्पित होता है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान देवी मां धरती लोक पर आती हैं और अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस दौरान लोग व्रत रखते हैं और पूरी विधि-विधान से माता रानी की पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि दुर्गा मां के इन नामों का नियमित जाप करने से घर-परिवार में हो रहे कलह-कलेश खत्म होते हैं। यदि घर में लगातार बीमारियां बनी रहती हैं या कामकाज में बाधा आती है, तो मां के इन पवित्र नामों का स्मरण करने से लाभ मिल सकता है। साथ ही, जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इन नामों को दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली कहा जाता है।
कैसे करें जाप?
नवरात्रि के दौरान प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और देवी मां की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप जलाएं। फिर पूरी श्रद्धा से दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करें। इसे मन ही मन या ऊंचे स्वर में बोल सकते हैं। मान्यता है कि नियमित रूप से ऐसा करने से घर-परिवार पर देवी मां की कृपा बनी रहती है।
मां दुर्गा के 108 नाम (Maa Durga ke 108 Naam)
- सती
- साध्वी
- भवप्रीता
- भवानी
- भवमोचनी
- आर्या
- दुर्गा
- जया
- आद्या
- त्रिनेत्रा
- शूलधारिणी
- पिनाकधारिणी
- चित्रा
- चंद्रघंटा
- महातपा
- मन
- बुद्धि
- अहंकारा
- चित्तरूपा
- चिता
- चिति
- सर्वमंत्रमयी
- सत्ता
- सत्यानंदस्वरुपिणी
- अनंता
- भाविनी
- भव्या
- अभव्या
- सदागति
- शाम्भवी
- देवमाता
- चिंता
- रत्नप्रिया
- सर्वविद्या
- दक्षकन्या
- दक्षयज्ञविनाशिनी
- अपर्णा
- अनेकवर्णा
- पाटला
- पाटलावती
- पट्टाम्बरपरिधाना
- कलमंजरीरंजिनी
- अमेयविक्रमा
- क्रूरा
- सुंदरी
- सुरसुंदरी
- वनदुर्गा
- मातंगी
- मतंगमुनिपूजिता
- ब्राह्मी
- माहेश्वरी
- ऐंद्री
- कौमारी
- वैष्णवी
- चामुंडा
- वाराही
- लक्ष्मी
- पुरुषाकृति
- विमला
- उत्कर्षिनी
- ज्ञाना
- क्रिया
- नित्या
- बुद्धिदा
- बहुला
- बहुलप्रिया
- सर्ववाहनवाहना
- निशुंभशुंभहननी
- महिषासुरमर्दिनी
- मधुकैटभहंत्री
- चंडमुंडविनाशिनी
- सर्वसुरविनाशा
- सर्वदानवघातिनी
- सर्वशास्त्रमयी
- सत्या
- सर्वास्त्रधारिणी
- अनेकशस्त्रहस्ता
- अनेकास्त्रधारिणी
- कुमारी
- एककन्या
- कैशोरी
- युवती
- यति
- अप्रौढ़ा
- प्रौढ़ा
- वृद्धमाता
- बलप्रदा
- महोदरी
- मुक्तकेशी
- घोररूपा
- महाबला
- अग्निज्वाला
- रौद्रमुखी
- कालरात्रि
- तपस्विनी
- नारायणी
- भद्रकाली
- विष्णुमाय
- जलोदरी
- शिवदुती
- कराली
- अनंता
- परमेश्वरी
- कात्यायनी
- सावित्री
- प्रत्यक्षा
- ब्रह्मावादिनी।
- अंबे
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