Maa Skandamata Ki Aarti Lyrics In Hindi: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को समर्पित होता है और प्रत्येक रूप का विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और मां स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। तृतीया तिथि दो दिन पड़ने के कारण इस बार तिथियों में थोड़ा बदलाव देखने को मिला है। मां स्कंदमाता के स्वरूप की बात करें, तो मां स्कंदमाता का स्वरूप अत्यंत शांत और मनोहारी है। उनके चार हाथ हैं। दो हाथों में कमल पुष्प हैं, एक हाथ में वे अपने पुत्र कार्तिकेय (स्कंद) को गोद में धारण किए रहती हैं और चौथे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। मां के इस स्वरूप में मातृत्व और करुणा की अद्भुत झलक देखने को मिलती है। इसी कारण उन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां की पूजा आरती के बिना अधूरी रहती है। इसलिए अगर आप मां स्कंदमाता की कृपा पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के छठे दिन उनकी आरती श्रद्धा भाव से जरूर गाएं। ऐसे में आइए यहां पढ़ें मां स्कंदमाता की पूरी आरती…
मां स्कंदमाता आरती (Maa Skandamata ki Aarti)
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की आस पुराती,
तेरी महिमा सब जग गाता।
कही पहाड़ों पर है डेरा,
कई शहरों में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे,
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
भक्ति अपनी हमें दिला दो,
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे,
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए,
तू ही खंडा हाथ उठाए।
दासों को सदा बचाने आई,
भक्त की आस पुजाने आई।
स्कंदमाता जी की आरती जो कोई गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे।
जय तेरी हो स्कंद माता,
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
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