Shardiya Navratri Navmi 2023: शास्त्रों में नवरात्रि की नवमी तिथि का खास महत्व है। क्योंक इस दिन कन्या पूजन होता और मां सिद्धिदात्री की पूजा- अर्चना की जाती है। यदि आप पूरी नवरात्रि मां दुर्गा की पूजा या व्रत न कर पाएं हों तो आपको इस दिन आप शक्ति की साधना करके माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा कष्ट और बाधाओं को दूर करके सभी काम को सिद्ध करने वाली मानी गई है। साथ ही मान्यता है इस दिन जो भक्त विधि-विधान और पूरी निष्ठा के साथ मां की उपासना करता हैं उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। इतना ही नहीं, मां सिद्धिदात्री शोक, रोग एवं भय से मुक्ति भी देती हैं। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री की आठ सिद्धियां, मंत्र और आरती…
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
देवी भागवत पुराण के अनुसार मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं, जिनमें स एक हाथ में उन्होंने गदा और दूसरे हाथ में चक्र धारण किया हुआ है। सथ ही उनके तीसरे हाथ में कमल का पुष्प और चौथे हाथ में शंख रहता है। वहीं मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के समान सिंह की सवारी करती हैं।
मां सिद्धिदात्री भोग (Navratri 9th Day Bhog)
नवमी तिथि को कांसे के पात्र में नारियल पानी और तांबे के पात्र में शहद डालकर देवी मां को चढ़ाना चाहिए। देवी सिद्धदात्री को उनका प्रिय भोग यानि हलवा, पूड़ी, चना आदि लगाना चाहिए। कालिका पुराण में आज कद्दू की बलि का विधान है। ईख, यानि गन्ने का रस भी देवी मां को चढ़ाया जा सकता है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा से इन सिद्धियों की हो सकती है प्राप्ति
शास्त्रों के मुताबिक मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों को ये सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। सिद्धियों के नाम अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व हैं।
मां सिद्धिदात्री के मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां सिद्धदात्री स्तोत्र पाठ
कंचनाभा शखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकारं भूषिता।नलिस्थितां नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोअस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।विश्व वार्चिता विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।भव सागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनी।मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है
तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,
तुम सब काज उसके कराती हो पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया,
सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा,
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
वंदना है सवाली तू जिसकी दाता!!