Sharad Purnima 2025: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा पावन अमृत बरसाता है इसलिए लोग इस दिन खीर बनाकर उसे चांद की रोशनी में रखते हैं। कहते हैं जब चंद्रमा की किरणें खीर पर पड़ती हैं तो ये खीर सेहत के लिए कई गुना लाभकारी हो जाती है। वहीं इस दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से दक्ष रहता है और किरणों से अमृत वर्षा करता है।
वहीं शरद पूर्णिमा की रात को धन की देवी माता लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर घूमने के लिए निकलती हैं। यही कारण हैं कि इस दिन कई लोग पूरी रात जागकर माता लक्ष्मी की अराधना करते हैं। वहीं ज्योतिष में कुछ उपायों का वर्णन मिलता है। जिनको करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैंं। साथ ही धन- समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…
1- धन में वृद्धि के लिए करें ये उपाय
धन की प्राप्ति के लिए इस दिन श्री सूक्त का पाठ, श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ, कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
2- जीवन में आएगी सुख- समृद्धि
शरद पूर्णिमा के दिन रात के समय मां लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। साथ ही उन्हें गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें। वहीं उन्हें सफेद मिठाई अर्पित करें। इसके बाद “ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः” की 11 माला जाप करें। ऐसा करने से जीवन में सुख- समृद्धि का वास बना रहेगा। साथ ही संपन्नता आएगी।
3- चंद्र देव को दें अर्घ्य
शरद पूर्णिमा की रात एक लोटे में स्वच्छ जल भरें, उसमें थोड़े चावल और फूल डालकर चंद्रमा की ओर मुख करके अर्घ्य दें। ऐसा करने से चंद्र ग्रह अशुभ फल प्रदान करते हैं। साथ ही डिसीजन मेकिंग अच्छी होती है। वहीं जीवन में स्थिरता आती है।
4- आरोग्य की होती है प्राप्ति
शरद पूर्णिमा को खीर बनाकर रात में खुले आसमान के नीचे रखें। ध्यान रहे कि खीर को मिट्टी के बर्तन में ही रखें। साथ ही यह उपाय करने से अच्छी सेहत मिलती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
5- इस दिन रखें व्रत
वहीं जो विवाहित स्त्रियां इस दिन व्रत रखती हैं उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही जो माताएं इस व्रत को करती हैं उनके बच्चे दीर्घायु होते हैं। साथ ही अगर कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं तो उनको मानचाहा वर मिलता है।