Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा हर आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल आज 6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। आपको बता दें कि इस दिन स्नान-दान के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। वहीं इस दिन पूजा करते समय चंद्र देव की आरती करना जरूरी माना जाता है। वर्ना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं इस आरती के बारे में…
शरण पूर्णिमा तिथि 2025 (Sharad Purnima Tithi 2025)
वैदिक पंचांग के मुताबिक आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट पर आरंभ होगी। साथ ही इसका समापन 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय (Sharad Purnima 2025 Moon Rise Time)
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 05 बजकर 31 मिनट पर होगा।
इस समय रखें चंद्रमा के नीचे खीर
पंचांग के अनुसार, 6 अक्टूबर को रात 10.38 बजे से लेकर रात 12.08 बजे तक लाभ-उन्नति मुहूर्त रहने वाला है। लेकिन इस बीच रात 10.53 बजे तक भद्रा भी रहेगा. इसलिए आप भद्रा काल से बचते हुए उन्नति मुहूर्त में किसी भी समय खीर रख सकते हैं।
चन्द्र देव आरती लिरिक्स हिंदी में (Chandra Dev Aarti)
ऊं जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
ऊं जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
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