Sharad Purnima 2023: आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान करने के साथ-साथ मां लक्ष्मी और शिव-पार्वती की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। मान्यता है कि इस दिन अमृत की बरसात होती है। इसलिए इस दिन खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखी जाती है। इस खीर का सेवन करने से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक समस्याओं से निजात जा लेता है। इसके साथ ही चंद्र दोष के दुष्प्रभाव भी कम हो जाते है।

इस बार शरद पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। यह चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन मध्यरात्रि से आरंभ हो रहा है। ऐसे में हर किसी के बीच इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि खुले आसमान के नीचे खीर रखना शुभ होगा कि नहीं। अगर शुभ है, तो किस समय रख सकते हैं। आइए जानते हैं पंडित बद्री नारायण शुक्ल से की इस बार शरद पूर्णिमा पर खुले आसमान के नीचे कब रखें खीर।

चंद्र ग्रहण 2023 का समय

पंडित जी के अनुसार, साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा। ग्रहण का मोक्ष काल रात्रि 2 बजकर 24 मिनट तक है। ऐसे में सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। इसलिए सूतक काल 28 नवंबर को दोपहर 4 बजकर 5 मिनट में शुरू हो जाएगा।

शरद पूर्णिमा में खीर रखना शुभ होगा कि नहीं?

पंडित जी के अनुसार, चंद्र ग्रहण और शरद पूर्णिमा एक ही दिन पड़ रही है। इसके साथ ही यह ग्रहण भारत में भी नजर आने वाला है। ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा। शास्त्रों के मुताबिक शरद पूर्णिमा की रात निशीथ काल रात 12 बजे से रात 3 बजे तक होता है, जिसे मध्य रात्रि भी कहा जाता है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ खुले आसमान में खीर रखने का प्रावधान है।

पंडित बद्री नारायण शुक्ल के अनुसार, इस दिन सूतक काल से पहले खीर बनाकर रख सकते हैं। इसके बाद उसमें कुश या फिर तुलसी दल डालकर रख दें। इससे ग्रहण के अशुभ प्रभावों कम हो जाएंगे। इसके बाद रात को 1 बजकर 5 से ग्रहण शुरू हो रहा है, तो आप चाहे तो इस समय से पहले खुले आसमान के नीचे खीर रख दें और ग्रहण शुरू होने से पहले हटा लें। इसके अलावा आप चाहे, तो चंद्र ग्रहण का मोक्ष काल समाप्त होने के बाद खुले आसमान के नीचे खीर रख सकते हैं। इसके बाद सूर्योदय से पहले इसे हटा दें।

शरद पूर्णिमा और खीर का कनेक्शन

माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता है, क्योंकि इस दिन वह 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। ऐसे में इससे निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती है। ऐसे में जब खीर में इसका प्रकाश पड़ता है, तो वह कई गुना अधिक लाभकारी बन जाती है। इसके साथ ही दूध चंद्रमा से संबंधित है। इसके साथ ही खीर मां लक्ष्मी को भी अति प्रसन्न हैं।

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