Shani Yog in Kundali: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह का गोचर मानव जीवन के साथ-साथ कई चीजों को प्रभावित करने वाला माना जाता है। नवग्रहों में शनि सबसे धीमा चलने वाला ग्रह है। कहा जाता है कि शनिदेव हर किसी को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं।

हर किसी की जन्म कुंडली या राशि में शनि की स्थिति अलग-अलग होती है। कहा जाता है कि ऐसे कई शनि योग हैं, जिनके निर्माण से व्यक्ति को सुखी, समृद्ध और धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता। आइए जानते हैं ऐसे ही शनि योग के बारे में-

कुंडली में शश योग का निर्माण | Creation of Shash Yoga in Kundli

यदि शनि मकर, कुम्भ या तुला राशि के केंद्र में हो और लग्न में बली हो तो शनि का शश योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि यदि जातक की कुण्डली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम एवं दशम स्थान अर्थात स्वयं के स्वामित्व वाली मकर अथवा कुम्भ राशि में स्थित हो तो पंचमहापुरुष योग में शुभ योग का मिलान होता है। इस योग को शश योग कहते हैं। इसे एक प्रकार का राजयोग माना जाता है।

जानिए शनि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, देखें VIDEO

सप्तमस्थ शनि | Saturn in the seventh house

कुंडली के सप्तम भाव में शनि दोगुना बली यानि दिग्बली हो जाता है। इस भाव में शनि हो तो शनि व्यक्ति को धनवान बना देता है। हालांकि शनि व्यक्ति के विवाह में देरी भी कराते हैं। सप्तम में शनि के प्रभाव से व्यक्ति परिश्रमी बनता है और परिश्रम से उन्नति करता है। शादी के बाद इन लोगों की किस्मत चमकती है। यदि आपकी कुंडली में यह योग है तो आपको नियमित रूप से शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।

शनि-शुक्र योग | Saturn-Venus Yoga

शनि स्थिरता के स्वामी हैं और शुक्र वैभव के स्वामी, इस प्रकार दोनों की युति एक शुभ योग बनाती है। यह योग तभी प्रभावी होता है जब शुक्र और शनि एक साथ हों। यह योग तुला या वृष राशि में हो तो उत्तम रहता है। इस योग से राजसी सुख और अपार धन की प्राप्ति होती है। यदि आपकी कुंडली में यह योग है तो नियमित रूप से सिक्कों का दान करें।

शनि को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपाय | Astrological remedies to strengthen Shani

कुंडली में शनि कमजोर हो तो कई तरह की परेशानियां आती हैं। शनि को मजबूत करने के लिए शनिवार के दिन उदीद, लोहा, तेल, तिल, पुखराज रत्न, काले वस्त्र का दान करना चाहिए। इसके साथ ही नीलम रत्न धारण करने से शनि ग्रह मजबूत होता है। इसके साथ ही 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी बहुत लाभकारी होता है।