Shani Sade Sati: शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है। ये सभी को कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहा जाता है कि शनि साढ़े साती या ढैय्या हमेशा दुख ही दे ऐसा नहीं है। अगर आपके कर्म अच्छे हैं और शनि आपकी कुंडली में मजबूत स्थिति में विराजमान हैं तो शनि के आप पर अच्छे प्रभाव ही देखने को मिलेंगे। लेकिन जिस जातक की कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी नहीं है उसे जीवन में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है। माना जाता है शनि शिव के भक्त हैं इसलिए वो इनके भक्तों को कभी नहीं सताते। 6 जुलाई से भगवान शंकर का पसंदीदा महीना सावन शुरू हो चुका है। ऐसे में ज्योतिषों के अनुसार शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने में भगवान शिव की सच्चे मन से अराधना करने से भक्त शनि की प्रकोप से बचे रहेंगे।
हनुमान जी की पूजा: बजरंगबली को भगवान शिव का ही 10वां अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि महाराज भक्तों पर प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि सावन के महीने में महादेव की पूजा के साथ ही हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनि की साढ़े साती का प्रभाव कम होता है।
ये करें अर्पित: विद्वानों के अनुसार इस दिन भक्तों को बजरंगबली को सिन्दूर के अलावा गाय के घी से बने बेसन के लड्डू चढाना चाहिए। इसके अलावा, इस पावन माह में हर मंगलवार को बरगद पेड़ के 8 पत्तों को काले धागे से बांधकर हुनमान जी को अर्पित करना चाहिए। साथ ही, पान के पत्ते में लौंग को लपेटकर हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
करें ये उपाय: सावन के शनिवार को काले तिल का दान करने और भगवान भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से शनिदेव का प्रकोप कम होता है। वहीं, इस दिन भगवान शिव का शहद से अभिषेक करने से भी शनि दोष कम होता है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और सात बार परिक्रमा करने से न्याय प्रिय शनि महाराज प्रसन्न होते हैं। सावन के शनिवार को एक पान में लोहे की कील, काले तिल और एक रुपया का सिक्का रखकर शनिदेव को चढ़ाएं। इससे शनि दोष दूर होता है।