Shani Dev Vakri: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को आयु, कर्म, न्याय, सेवक और बुजुर्गों का कारक माना जाता है। इसलिए जब भी शनि देव की चाल में बदलाव आता है। तो इन सेक्टरों पर प्रभाव पड़ता है। आपको बता दें कि 5 जून को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्री हुए हैं। साथ ही वह 4 नवंबर को मार्गी होने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा। लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको इस समय भाग्य का साथ मिल सकता है। साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं…
तुला राशि (Tula Zodiac)
शनि देव का वक्री होना तुला राशि के जातकों को शुभ साबित हो सकता है, क्योंकि शनि देव आपकी राशि से पंचम भाव में वक्री हुए हैं और वह चतुर्थ भाव के स्वामी भी हैं। इसलिए इस समय आपको संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिल सकता है। साथ ही इस समय आप कोई प्रापर्टी या वाहन खरीद सकते हैं। वहीं आप अपने परिवार की भौतिक सुविधाओं के लिए आवश्यक चीजों की खरीद करेंगे। वहीं प्रेम- संबंधों में आपको सफलता मिल सकती है। साथ ही अगर आप छात्र हैं, तो आप किसी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
मेष राशि (Aries Zodiac)
आप लोगों के लिए शनि देव का वक्री होना अनुकूल सिद्ध हो सकता है। क्योंकि शनि देव आपकी राशि से इनकम भाव में वक्री हुए हैं। साथ ही वह दशम स्थान के स्वामी भी हैं। इसलिए इस अवधि में आपकी इनकम में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। साथ ही आपको काम- कारोबार में अच्छी सफलता मिल सकती है। वहीं आपका बैंक बैलेंस बढ़ेगा। आय के नए स्रोत बनने से आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी और आपको रोजगार के संबंध में कहीं से सुखद समाचार प्राप्त होगा। जो लोग कारोबारी हैं, उनको भी इस समय अच्छे ऑर्डर मिल सकता है, जिससे धनलाभ होगा।
मकर राशि (Makar Zodiac)
शनि देव का वक्री अवस्था से भ्रमण करना मकर राशि के जातकों को लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। क्योंकि शनि देव आपकी राशि से धन भाव पर वक्री हुए हैं। इसलिए इस अवधि आपको आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जो नौकरी पेशा लोग हैं, उनका प्रमोशन और इंक्रीमेंट हो सकता है। वहीं जो लोग विदेश से संबंधित व्यापार करते हैं उनके लिए यह गोचर बहुत ही लाभ प्रदान करने वाला माना जा रहा है। आपकी विदेश जाने की इच्छा भी पूरी हो सकती है। साथ ही आपकी वाणी में प्रभाव आएगा, जिससे लोग आपसे जुडेंगे।