Shanidev ki Aarti Lyrics in Hindi: नवग्रहों में शनि का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है, लेकिन वास्तव में शनिदेव किसी को डराने वाले नहीं, बल्कि न्याय और संतुलन के देवता हैं। वे हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। इसलिए उन्हें न्यायाधीश, दंडनायक और यमराज का प्रतीक भी कहा जाता है। सनातन धर्म में शनिदेव को कर्मफलदाता और कल्याणकारी देवता कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा, धैर्य और सत्य के मार्ग पर चलता है, उस पर शनि की असीम कृपा बनी रहती है। शनिवार के दिन शनि की पूजा, दान और आरती करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसा माना गया है कि शनिदेव की आरती करने से शनिदेव उसके सारे कष्ट हर लेते हैं और जीवन में सफलता, धन और शांति का आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में यहां पढ़ें शनिदेव की पूरी आरती…
शनिदेव की आरती (Shani Dev Ki Arti)
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी
जय जय श्री शनि देव
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी
जय जय श्री शनि देव
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी
जय जय श्री शनि देव
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी
जय जय श्री शनि देव
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी
जय जय श्री शनि देव
यह भी पढ़ें:
धर्म संबंधित अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।