Sawan Purnima 2025 Tithi and Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में सावन मास की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और पुण्यकारी माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। बता दें कि श्रावण मास के अंतिम दिन पूर्णिमा होती है, जिसे कजरी या श्रावणी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। वहीं, इस दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अंत में बैकुंठ धाम को जाता है। साथ ही, धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा-पाठ के साथ स्नान-दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं सावन की पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण करना भी बहुत शुभ माना जाता है। हालांकि इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिनों तक पड़ने से व्रत रखने को लेकर लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बन गई है। ऐसे में आइए जानते हैं। सावन पूर्णिमा 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय।
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सावन पूर्णिमा 2025 की तिथि (Sawan Purnima 2025 Tithi)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 8 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 9 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल सावन पूर्णिमा का व्रत 9 अगस्त को रखा जाएगा।
सावन पूर्णिमा 2025 चंद्रोदय का समय (Sawan Purnima 2025 Moon Rise Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय 9 अगस्त को शाम 07 बजकर 21 मिनट पर होगा। बता दें कि इस दिन चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
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सावन पूर्णिमा 2025 का स्नान-दान मुहूर्त (Sawan Purnima 2025 Snan Muhurat)
सावन पूर्णिमा का स्नान-दान 09 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन स्नान-दान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:22 से 05:04 बजे तक रहेगा। पूजन के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:47 बजे से दोपहर 02:23 बजे तक अत्यंत शुभ माना गया है। इसके साथ ही, विशेष पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन किए गए स्नान, दान और जप से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है।
सावन पूर्णिमा का महत्व (Sawan Purnima 2025 Importance)
सावन पूर्णिमा अत्यंत पावन तिथियों में से एक मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव तथा भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुख, समृद्धि व लंबी उम्र की कामना करती हैं। ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ और व्रत करने से सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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