Sawan Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। आपको बता दें कि सावन का तीसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भोलेनाथ को समर्पित होता है। वहीं सावन का महीना होने से प्रदोष व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। प्रदोष व्रत में भोलेनाथ की पूजा शाम के समय की जाती है। साथ ही मान्यता है जो भी पूरे दिन व्रत रखकर भोलेनाथ की सच्चे मन से पूजा- अर्चना करता है, तो उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त…
प्रदोष व्रत की तारीख और शुभ मुहूर्त (Sawan Pradosh Vrat Tithi And Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार सावन का तीसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त को रखा जाएगा। वहीं इस दिन त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 8 बजकर 18 मिनट पर होगी। वहीं इसका अंत 4 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगा। वहीं प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय करने का विधान है। इसलिए भोलेनाथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त की शाम को रहेगा।
प्रदोष व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा- अर्चना करता है, उसका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। साथ ही उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा रहती है। वहीं उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत का प्रभाव से व्यक्ति को बुरे ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
करें ये गुप्त उपाय
1- प्रदोष व्रत के दिन 108 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से आपको जीवन में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होगी। साथ ही रुके हुए काम बनेंगे।
2- इस दिन भगवान शिव का गन्ने के रस, दही, दूध और गंगालज से अभिषेक करें। ऐसा करने से आपको राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। साथ ही धन- धान्य की प्राप्ति होगी।
3- अपनी धन-सम्पत्ति में वृद्धि के लिए प्रदोष व्रत के दिन दिन सवा किलो साबुत चावल और कुछ मात्रा में दूध लेकर शिव मन्दिर में दान करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
4- प्रदोष व्रत के दिन दूध में थोड़ा-सा केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और दूध चढ़ाते समय मन ही मन ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है।