Sankashti Chaturthi 2018 Puja vidhi:संकष्टी चतुर्थी हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। । तामिलनाडू राज्य में इसे संकट हरा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी तिथि होती है। पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है तथा अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेते हैं। इस दिन सूर्यास्त तक व्रत किया जाता है। कहा जाता है इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी परेशानी हल हो जाती है और आपके काम सफल हो जाते हैं। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। माघ, श्रावण, मार्गशीर्ष और भाद्रपद के महीने में पड़ने वाली संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी के व्रत का विशेष महत्व है। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का कारक होता है। इस दिन इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गयी है। आइए जानते हैं आज क्या उपाय कारगर हो सकते हैं।

पूजा विधि – सुबह जल्दी उठकर नित्य कार्य से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें। दिन में जल और फल ग्रहण कर सकते हैं। शाम को गणेश जी पूजा करें। उन्हें तिल के लड्डू , दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश की आरती का पाठ करें। पूजा के बाद चंद्रमा को अर्ध्य दें।

संतान प्राप्ति के लिए उपाय – इस दिन रात को चंद्रमा को अर्ध्य जरूर दें। गणेश प्रतिमा स्थापित कर दीपक जलाएं। अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू भगवान गणेश जी को चढ़ाएं। इसके बाद ॐ नमो भगवते गजाननाय मंत्र का जाप करें।

संकट दूर करने के लिए उपाय – भगवान गणेश का व्रत करें। पीले कपड़े धारण करें। गणेश जी के सामने चौमुखी दीपक जलाएं। अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू भगवान गणेश जी को चढ़ाएं। इसके बाद परेशानी दूर करने के लिए श्रीगणेश से प्रार्थना करें। पूजा के बाद लड्डूओं के बांट दें। अपने लिए एक लड्डू जरूर रखें।