Ram Navami Ayodhya Ram Lalla Surya Tilak: आज यानी रामनवमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर अयोध्या में आज अद्भुत नजारा देखने को मिला है। ऐसे अद्भुत नजारे का इतंजार भक्तों को करीब 500 सालों से था। आखिरकार अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज राम नवमी तिथि को सूर्य तिलक किया गया है। इसके साथ ही लाखों भक्तों ने परम ब्रह्म परमेश्वर के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन किए। सूर्य तिलक से पहले राम लला को मंत्रोच्चारण के साथ भोग लगाया गया है। इसके साथ ही गर्भ ग्रह का प्रकाश बंद कर गया है, जिससे सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सूर्य तिलक होने के साथ भक्तों ने जय श्री राम के नारे लगाएं। यह मनमोहक रूप देखकर हर कोई भाव विभोर हो गया। इसके साथ ही प्रभु श्री राम की विधिवत आरती की गई। बता दें सूर्य तिलक के लिए सूर्य की किरणों को अलग-अलग तीन तीन दर्पणों के द्वारा अलग-अलग एंगल में डायवर्ट किया गया था। इसके बाद पीतल के पाइपों से होते हुए लेंस पर किरणें पड़ी, जो सीधे राम लला के मस्तिष्क पर गिरी। इस खास मौके कई ग्रहों का संयोग के साथ-साथ शुभ योग भी बन रहा था। जानें सूर्य तिलक से संबंधित हर एक जानकारी

किस समय होगा राम लला का सूर्य तिलक

बता दें कि सुबह 11 बजकर 58 पर सूर्य की पहली किरण रामलला के मस्तक पर पड़ी। करीब 4 मिनट तक इसी अवस्था में यानी दोपहर से 12 बजकर 2 मिनट तक पड़ी।  हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य तिलक के समय काफी शुभ योग जैसे रवि योग, गजकेसरी, केदार, अमला, पारिजात, शुभ, सरल, काहल और वाशि योग आदि बन रहे हैं।

क्या है सूर्य तिलक?

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। इसके साथ ही वैदिक काल में सूर्य को प्रत्यक्ष देवताओं में से एक माना जाता है और उन्हें ऊर्जा का सबसेबड़ा स्तोत्र औरपिता माना जाता है। इसलिए इनकी पूजा करना विशेष माना जाता है। सूर्य की पहली किरण के साथ मंदिर में मौजूद मूर्ति का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। जब भगवान का सूर्य की पहली किरण से अभिषेक किया जाता है, तो देवत्व का भाव जाग जाता है। इसी को सूर्य तिलक या सूर्य अभिषेक कहा जाता है।

सूर्य उपासना का महत्व

हिंदू शास्त्रों में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। इसलिए इनका पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेजी से बढ़ जाता है। सूर्य की उपासना करने से जातक को सुख-समृद्धि, मान-सम्मान मिलता है। इसके साथ ही कई तरह के दुख-दर्द और रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है, तो उसे मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, धन-संपदा की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि रोजाना स्नान करने के साथ एक तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें।

सूर्य देव के मंत्र

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।

ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।

कहां कर सकेंगे सूर्य तिलक का लाइव

अगर आप घर बैठे राम लला का अद्भुत नजारा देखना चाहते हैं, तो दूरदर्शन चैनल में देख सकते हैं। इसके अलावा भक्त मोबाइल पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra) के फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में देख सकते हैं।

राम लला का किया गया अभिषेक

राम नवमी के मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में विराजित राम लला की मूर्ति का विधि विधान के साथ दूधाभिषेक के साथ अन्य अभिषेक किया गया है।

राम लला का किया गया भव्य श्रृंगार