PM Modi Got Tittle Of Rajarshi: राम मंदिर में आज रामलला के विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा हो गए है। पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक काम को अपने हाथों से किया है। करीब 500 साल बाद अयोध्या में रामलला विराजित हुए है। ऐसे में देश के साथ-साथ विदेशों में भी उल्लास का माहौल बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र के नाम एक और उपाधि मिल गई है। उन्हें गोविंददेव गिरी जी ने राजर्षि की उपाधि दी है। आइए जानते हैं कि राजर्षि क्या होते हैं और किन्हें मिली है ये उपाधि।
राम मंदिर में मंच पर मौजूद गोविंददेव गिरी जी महाराज ने कहा कि ‘ राम मंदिर में केवल एक मूर्ति की प्रतिष्ठा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो सकी। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अपने को सिद्ध करने के लिए पूरी नियमावली का पालन किया। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को राजर्षि की उपाधि दी।
क्या होता है राजर्षि?
राजर्षि का अर्थ है राजा और ऋषि यानी जिस व्यक्ति के अंदर राजा और ऋषि दोनों के गुण हो, तो उसे राजर्षि कहा जाता है। साधारण शब्दों में कहें कि वह राजा जो विद्वान भी हो।
राजा जनक को मिली थी राजर्षि की उपाधि
मां सीता के पिता राजा जनक को भी राजर्षि की उपाधि मिली थी। क्योंकि वह ज्ञान और धर्म के मार्ग में चले थे। राजा होने के बावजदू उन्होंने अपना जीवन भोग-विलास की तरह नहीं जिया। बल्कि धार्मिक कार्यों में रहकर संसारिक मोह माया से मुक्त रहें। जन्म और कर्म से तो वह राजा था। लेकिन चिंता और आत्मा से ऋषि के सामना थे। ऋषि और साधकों जैसे अष्टावक्र और सुलाभा के साथ उनकी बातचीत प्राचीन ग्रंथों में दर्ज की जाती है। उन्होंने संसारिक प्रलोभनों से रहकर धर्म का निवर्हन किया। इसी के कारण उन्हें राजर्षि की उपाधि दी गई।