Rahu Mahadasha Effect: वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक माना गया हैं। साथ की राहु ग्रह लगभग 18 महीने बाद अपनी चाल बदलता है। वहीं राहु ग्रह हमेशा वक्री गति से विचरण करता है। साथ ही राहु ग्रही की महादशा का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर कैसा रहेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि राहु ग्रह व्यक्ति की कुंडली में कैसा स्थित है। तलब ग्रह अगर पॉजिटव स्थित है तो फल सकारात्मक मिलेगा। लेकिन अगर ग्रह नकारात्मक स्थित है तो अशुभ फल प्राप्त होंगे। साथ ही जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आइए जानते हैं राहु की महादशा का व्यक्ति की लाइफ पर असर…
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राहु ग्रह की महादशा का मानव जीवन पर प्रभाव
अगर कुंडली में राहु ग्रह शुभ हो स्थित
वैदिक ज्योतिष अनुसार राहु ग्रह अगर जन्मपत्री में शुभ स्थित हो तो वह व्यक्ति सुंदर और उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। वहीं ऐसा व्यक्ति काम निकालने में निपुण होता है। वहीं समाज में प्रभावशाली बनाता है। व्यक्ति लोकप्रिय होता है। साथ ही वह राजनीति में बहुत अच्छा नाम और शोहरत कमाता है। वहीं उसे मान-सम्मान और यश प्राप्त होती है। साथ ही ऐसा व्यक्ति शार्टकट के काम निकालता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति पर राहु ग्रह की महादशा चल रही है तो उसको अच्छा फल प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति को आकस्मिक धन की भी प्राप्ति होती है। मतलब शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में अच्छा लाभ होता है। साथ ही राहु ग्रह अगर दशम भाव में शुभ स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति किसी नगर या गांव का मुखिया होता है।
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अगर कुंडली में राहु ग्रह अशुभ हो स्थित
अगर जन्मकुंडली में राहु ग्रह अशुभ यानी कि नीच का स्थित हो तो व्यक्ति बुरी आदतों में पड़ जाता है। साथ ही ऐसा व्यक्ति नशा करने वाला होता है। शराब और धुम्रपान करने वाला होता ह। साथ ही पीड़ित राहु के प्रभाव से जातक छल, कपट और धोखा करता है। व्यक्ति कभी- कभी डिप्रेशन में भी पहुंच जाता है। वहीं राहु नकारात्मक होने से व्यक्ति को समाज में बदनामी का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति नास्तिक भी होता है और भगवान में उसकी आस्था नहीं होती है। राहु अशुभ होने से व्यक्ति को हिचकी, पागलपन, आंतों की समस्या, अल्सर, गैस्ट्रिक आदि समस्याएं हो सकती हैं। वहीं राहु ग्रह अगर कुंडली में निगेटिव हो तो व्यक्ति को कई बार आकस्मिक धन का नुकसान होता है।
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