Rahu Mahadasha Effect: ज्योतिष शास्त्र मुताबिक हर व्यक्ति के ऊपर नवग्रहों की महादशा और अंतर्दशाएं चलती हैं। इन दशाओं में व्यक्ति को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम प्राप्त होते हैं। क्योंकि जिस ग्रह की दशा चल रही है वो ग्रह अगर कुंडली में शुभ स्थित है तो व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होंगे। वहीं अगर वह ग्रह निवेटिव स्थित है तो व्यक्ति को नकारात्मक प्रभाव मिलेंगे। यहां हम बात करने जा रहे हैं छाया ग्रह राहु की महादशा के बारे में, जिसका व्यक्ति के ऊपर 18 साल तक प्रभाव रहता है। आइए जानते हैं व्यक्ति के ऊपर प्रभाव…
राहु ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव
अगर कुंडली में राहु सकारात्मक हो स्थित
वैदिक ज्योतिष अनुसार राहु ग्रह अगर कुंडली में सकारात्मक स्थित हो तो व्यक्ति सुंदर और आकृषक व्यक्तित्व वाला होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति किसी गांव या शहर के मुखिया होते हैं और इनको समाज में मान- सम्मान की प्राप्ति होती है। साथ ही ये लोग राजनीति में अच्छी सफलता पाते हैं। वहीं ये लोग रिसर्च के क्षेत्र में अच्छा नाम कमाते हैं। वहीं ऐसे लोग खुफिया ऐजेंसी में अपना करियर बना सकते हैं।
अगर कुंडली में राहु ग्रह अशुभ हो स्थित
वहीं अगर जन्मकुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थित हो तो व्यक्ति गंदी आदतों में पड़ जाता है। साथ ही जीवन में दरिद्री आ जाती है। वहीं साथ ही पीड़ित राहु के प्रभाव से जातक छल, कपट और धोखा करता है। साथ ही वह तामसिक पदार्थों का सेवना करता है। मतलब वह शराब, मांस और अन्य मादक पदार्थों का सेवना करता है। साथ ही वह उसकी भगवान में आस्था नहीं होती है। वहीं राहु अशुभ होने से व्यक्ति को हिचकी, पागलपन, आंतों की समस्या, अल्सर, गैस्ट्रिक आदि समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही राहु कुंडली में अशुभ होने से व्यक्ति पर झूठे आरोप लगते हैं और बदनामी का सामना करना पड़ता है।
जानिए, राहु ग्रह की प्रिय राशियां
राहु ग्रह का वैसे तो किसी भी राशि पर आधिपत्य नहीं होता है। लेकिन शनि ग्रह से इनका मित्रता का भाव है। इसलिए मकर और कुंभ राशि राहु ग्रह की मित्र राशियां हैं। क्योंकि इन पर शनि देव का आधिपत्य है।
