Radha Ashtami 2025 Do’s and Don’ts: हर वर्ष पूरे भारत में राधा अष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। खासकर ब्रजभूमि और उत्तर प्रदेश में इस दिन अलग ही रौनक देखने को मिलती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल राधा अष्टमी 31 अगस्त 2025, रविवार को मनाई जाएगी। यह व्रत श्री राधा को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और विधिपूर्वक पूजा करने से राधा रानी अपनी कृपा बरसाती है। साथ ही, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। हालांकि इस दिन पूजा के दौरान कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य माना जाता है, वरना इससे दोष लग सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या नहीं…
राधा अष्टमी व्रत के दिन क्या करें?
- राधा अष्टमी के दिन स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद ही व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- राधा अष्टमी व्रत के दिन ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना जरूरी माना जाता है।
- इस दिन राधा रानी को ताजी चीजों का ही भोग लगाना चाहिए।
- राधा अष्टमी के दिन राधा जी की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें।
- इस व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में ही करना शुभ माना जाता है।
- व्रत का पारण उसी प्रसाद को ग्रहण करके करें, जिसे आपने पूजा में राधा रानी को भोग लगाया हो।
- इस व्रत का पारण करने से पहले जरूरतमंद लोगों दान या गौ सेवा जरूर करें।
- पारण करने के बाद बुजुर्गों का भी आशीर्वाद लेना चाहिए।
राधा अष्टमी व्रत के दिन क्या न करें?
- राधा रानी को भोग लगाने से पहले भोजन को कभी भी झूठा न करें।
- राधा अष्टमी के दिन व्रती को दिन में सोने से बचना चाहिए।
- इस दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटना वर्जित माना जाता है।
- व्रती इस दिन काले या गहरे रंग के कपड़े बिल्कुल भी न पहनें। इस दिन पीला या लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- महिलाएं इस दिन खुले बालों में पूजा न करें। पूजा के दौरान आप बाल बांध लें और चुनरी से सिर को ढक लें। जबकि पुरुष सिर पर रुमाल रखकर पूजा करें।
- राधा अष्टमी के दिन बाल धोना वर्जित माना जाता है। इसलिए इस दिन बाल धोने से बचें। आप अष्टमी तिथि के शुरू होने से बाल धो सकते हैं।
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