Pyaaz lehsun khane wala kya Tulsi Mala pehen sakte hai: अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या तुलसी की माला पहनने के बाद प्याज और लहसुन खाना ठीक है या नहीं? कुछ लोग मानते हैं कि इसमें कोई बुराई नहीं है, जबकि कुछ कहते हैं कि यह धार्मिक दृष्टि से गलत है। इस बीच एक भक्त ने वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज से सवाल किया कि क्या तुलसी की माला पहनने के बाद प्याज और लहसुन का सेवन किया जा सकता है? ऐसे में आइए जानते हैं कि उन्होंने इस पर क्या कहा और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
तुलसी की माला का महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी को माता का रूप माना गया है। यह भगवान विष्णु को अति प्रिय है और तुलसी की माला पहनना भक्तिभाव और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। तुलसी की माला धारण करने वाला व्यक्ति भगवान की शरण में माना जाता है। इसका अर्थ है कि अब वह अपने जीवन में सात्त्विक आचरण अपनाने का संकल्प ले चुका है।
प्रेमानंद जी महाराज का जवाब
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, तुलसी की माला पहनने के बाद व्यक्ति को प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तुलसी की माला सिर्फ एक सजावट नहीं है, बल्कि यह एक व्रत है, एक वादा कि अब आप अपने जीवन को भक्ति और पवित्रता की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। महाराज जी बताते हैं कि प्याज और लहसुन तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं। तामसिक आहार से मन में आलस्य, क्रोध और वासनाओं की वृद्धि होती है, जबकि तुलसी की माला पहनने का अर्थ है कि आप इन भावनाओं से दूर होकर भगवान की भक्ति में रत हैं। इसलिए, तुलसी की माला पहनकर प्याज-लहसुन खाना विरोधाभासी माना गया है।
धर्मशास्त्रों में क्या कहा गया है
धर्मग्रंथों में भी उल्लेख है कि तुलसी अत्यंत पवित्र है और उसे भगवान विष्णु की पत्नी का स्थान दिया गया है। इसलिए जब कोई व्यक्ति तुलसी की माला धारण करता है, तो वह स्वयं को भगवान के भक्त के रूप में स्थापित करता है। ऐसे में तामसिक भोजन ग्रहण करना इस पवित्रता को भंग कर देता है। इसके अलावा, गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण में भी तुलसी की माला पहनने वाले के लिए सात्त्विक जीवनशैली अपनाने की सलाह दी गई है।
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