Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह त्योहार बंगाल और उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। इस साल शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो गया और इसका समापन 2 अक्टूबर होगा। वहीं इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो सुख-समृद्धि, राष्ट्र उन्नति और कल्याण का प्रतीक है। वहीं नवरात्रि के 9 दिनों में लोग व्रत रखते हैं। वहीं कुछ लोग नवरात्रि के प्रथम दिन और अंतिम दिन व्रत रखते हैं।
वहीं आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडिओ वायरल हो रहा है, जिसमें प्रेमानंद महाराज से एक भक्त पूछ रहा है कि नवरात्रि का व्रत रखते समय कौन- कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए। जिस पर महाराज जी उत्तर दे रहे हैं कि व्रत जिस दिन आप रख रहे हैं, उस दिन किसी के घर पर जाकर खाना तो दूर पानी तक नहीं पीना चाहिए। अन्यथा व्रत खंडित हो जाता है। साथ ही हो सके तो किसी के घर जाने से भी बचना चाहिए। वहीं प्याज और लहसुन भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही पूरे दिन हरि का भजन करना चाहिए। साथ ही व्रत वाले दिन व्यक्ति को केवल एक बार कुछ फल- फलहार ग्रहण करने चाहिए। जल कई बार ले सकते हैं।
वहीं प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि नवरात्रि के दिन शारदीय नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को सात्विक रहना चाहिए। साथ ही व्यक्ति को मांस- मदिरा से दूर रहना चाहिए और प्यार, लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। वहीं बाह्रचर्य का पालना करना चाहिए। साथ ही किसी की बुराई बगेरा से भी बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से व्रत खंडित हो सकता है।
कौन हैं प्रेमानंद महाराज
संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज एक महान कथा वाचक हैं और वह वृंदावन के केलीकुंज स्थान पर रहते हैं। इससे पहले महाराज जी कई साल काशी में रहे थे। वहीं प्रेमानंद महाराज जी के गुरु का नाम श्री गौरांगी शरण महाराज है।