ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों और 9 ग्रहों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार राहु-केतु को छोड़कर आकाश मंडल में स्थित जितने भी ग्रह हैं, वह हमेशा गतिमान अवस्था में रहते हैं। वह पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्रकार के जीव-जंतुओं और मनुष्यों पर अपना प्रभाव डालते हैं। इन सभी ग्रहों की एक निश्चित गति होती है। जैसे- चंद्रमा की गति सबसे तेज होती है और शनि की गति सबसे मंदी।
बता दें, एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए शनि को करीब ढ़ाई वर्ष का समय लगता है। कुंडली में प्रत्येक ग्रह अपने स्थान से सातवें स्थान पर पूर्ण दृष्टि (180 डिग्री) रखता है। कोई भी ग्रह जब एक राशि में स्थित होता है तो वह वहां मौजूद अन्य ग्रह की युति और दृष्टि के द्वारा फल देता है। हर कुंडली में ग्रह अलग-अलग स्थान पर होते हैं।
सूर्य प्रथम- नवम और दशम स्थान पर, चंद्रमा- चतर्थ, मंगल- तृतीय और षष्टम, बुध- चतुर्थ और दशम, बृहस्पति- द्वितीय, पंचम, नवम, दशम और एकादश, शनि- षष्टम, अष्टम और दशम स्थान पर कुंडली में विराजमान रहते हैं।
कुंडली में बृहस्पति अपने से पांचवें और नौवें भाव पर भी दृष्टि रखता है। जबकि शनि तृतीय और दसवें भाव पर भी दृष्टि रखता है। इसके अलावा मंगल चौथे और आठवें भाव को देखता है। वहीं राहु और केतु क्रमशः पंचम एवं नवम भाव में पूर्ण दृष्टि रखते हैं। कुंडली में चंद्रमा, बुध और शुक्र जिस स्थान पर बैठते हैं, उसके शुभ फल देते हैं। लेकिन ब्रहस्पति ग्रह जिस स्थान पर बैते हैं, उस जातक के भाव के फलों में कमी कर देते हैं।
ग्रहों के उच्च और नीच स्थान:
-सूर्य ग्रह मेष राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं तुला राशि में नीच पर होते हैं।
-चंद्र ग्रह वृषभ राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं वृश्चिक राशि में नीच स्थान पर होते हैं।
-मंगल ग्रह मकर राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं कर्क राशि में नीच पर होते हैं।
-बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं मीन राशि में नीच पर होते हैं।
-बृहस्पति ग्रह कर्क राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं मकर राशि में नीच पर होते हैं।
-शनि ग्रह तुला राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं मेष राशि में नीच पर होते हैं।
-राहु वृषभ राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं वृश्चिक राशि में नीच पर होते हैं।
-केतु वृश्चिक राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं वृषभ राशि में नीच पर होते हैं।