Pitra Dosh Ke Sanket: वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी किसी बच्चे का जन्म होता है। तो उसकी कुंडली में कई शुभ और अशुभ योग बनते हैं। आपको बता दें कि इस योगों का का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। यहां हम ऐसे ही एक अशुभ योग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम है पितृ दोष, यह दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है, तो उस व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिलता है। साथ ही परिवार में अशांति, वंशवृद्धि में रुकावट, आकस्मिक बीमारी, संकट, धन में बरकत न होना, सारी सुख-सुविधाएं होते हुए भी मन असंतुष्ट रहना आदि हो सकता है। आइए जानते हैं इसके कारण और निवारण…
इस वजह से होता पितृदोष
- पितरों का विधिवत अंतिम संस्कार और श्राद्ध न होना। जिस वजह से पितृ नाराज हो जाते हैं और पितृ फिर आशीर्वाद की जगह श्राप दे देते हैं।
- पितरों की विस्मृति या अपमान करना।
- धर्म के विरुद्ध आचरण करना।
- पीपल, नीम और बरगद के पेड़ को कटवाना।
- किसी नाग को मारना या मरवाना
- किसी गाय या ब्राह्राण की हत्या
इन उपायों को करने से पितृदोष से मिल सकती है मुक्ति
1- हर चतुर्दशी (अमावस्या और पूर्णिमा के एक दिन पहले) को पीपल पर दूध चढ़ाएं और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें।
2- यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके घर में पितृ दोष है तो ऐसे में आपको अपने घर में अपने पितरों की हंसती मुस्कुराती तस्वीर लगाना चाहिए। वहीं तस्वीर को दक्षिण दिशा की ओर लगानी चाहिए।
3- सुबह उठने के बाद अपने पितरों को प्रणाम अवश्य करें और उनकी तस्वीरों पर फूलों की माला चढ़ाएं। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
4- घर के आसपास पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल चढ़ाएं। इसके साथ ही पुष्प, अक्षत, दूध, गंगा जल और काले तिल भी अर्पित करें। हाथ जोड़कर पूर्वजों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
5- अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं। जिससे वह प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
6- घर में हर अमावस्या को श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष और पित- सूक्तम का पाठ करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
