Pithori Amavasya 2025: हिंदू धर्म में पिठोरी अमावस्या का विशेष महत्व है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहते हैं। भारत के कई इलाकों में इसे कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन दान- स्नान के साथ पितरों का श्राद्ध- तर्पण करने का विधान है। मान्यता है इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही पितरों के आशीर्वाद से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का भी विशेष महत्व है। वहीं इस साल पिठोरी अमावस्या 22 अगस्त को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं तिथि और दान- स्नान का शुभ मुहूर्त…
पिठोरी अमावस्या तिथि 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 22 अगस्त को दोपहर 11.57 बजे लगेगी और 23 अगस्त को 11.37 बजे पूरी होगी। आपको बता दें कि 22 अगस्त को अमावस्या मध्यकाल में लग रही है और उदया तिथि नहीं है, ऐसे में इस दिन पिठोरी अमावस्या मान्य होगी।
इस दिन करें ये उपाय
पिठोरी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व है। अगर गंगा किनारे जाना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगा जल मिला लें। स्नान करने के बाद पुरुष सफेद कपड़े पहनकर पितरों का तर्पण और श्राद्ध करें। वहीं अपने पितरों के नाम ब्राह्राणों को भोजन कराएं। इस दिन भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व होता है।
पिठोरी अमावस्या का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान इंद्र की पत्नी को इस अमावस्या की कथा सुनाई थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पिठौरी अमावस्या के दिन व्रत करने से बुद्धिमान और बलशाली पुत्र की प्राप्ति होती है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं और वस्त्र, धन या अन्न का दान करें, जिससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है। वहीं इस दिन पेड़ के नीचे दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करें, जिससे जीवन में शांति आती है।