Phulera Dooj 2023: शास्त्रों में फुलेरा दूज का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग अनुसार हर साल फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज मनाई जाती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। मतलब इस दिन बिना किसी मुहूर्त देखे विवाह आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं। साथ ही  इस पर्व को होली पर्व का शुभारंभ भी माना जाता है और फुलेरा दूज से मथुरा में होली की शुरुआत हो जाती है और इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण के साथ फूलों के संग होली खेली जाती है। आपको बता दें कि इस साल फुलेरा दूज 21 फरवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

फुलेरा दूज 2023 तिथि (Phulera Dooj Tithi 2023)

वैदिक पंचांग के मुताबिक इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का आरंभ 21 फरवरी 2023 को सुबह 07 बजकर 33 मिनट पर होने जा रहा है। जिसका अंत अगले दिन 22 फरवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। उदया तिथि को आधार मानते हुए फुलेरा दूज 21 फरवरी 2023 को ही मनाई जाएगी।

फुलेरा दूज 2023 शुभ मुहूर्त (Phulera Dooj Shubh Muhurat 2023)

फुलेरा दूज पर्व के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा गोधुलि मुहूर्त में करने का विधान है। इसलिए इस दिन गोधुलि मुहुर्त शाम 06 बजकर 41 मिनट से शाम 07 बजकर 06 मिनट तक है।

जानिए फुलेरा दूज का महत्व (Phulera Dooj Importance)

पंचांग अनुसार फुलेरा दूज पर अबूझ मुहूर्त रहता है। मतलब इस दिन ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ दोषों का कोई प्रभाव नहीं रहता। साथ ही इस दिन विवाह, संपत्ति खरीदना या नया व्यापार शुरू करना आदि कार्य बिना किसी मुहूर्त के शुरू कर सकते हैं। फुलेरा दूज के दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने ईष्ट देव के साथ राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है। वहीं इस दिन से होली पर्व की भी शुरुआत हो जाती है। साथ ही इस पर्व की खास रौनक ब्रजभूमि के मंदिरों में देखने को मिलती है। सारे धाम को फूलों से सजाया जाता है और लोग एक दूसरे के साथ फूलों से ही होली खेलते हैं। भगवान कृष्ण और राधा रानी को माखन- मिश्री का भोग लगाते हैं।