Panchak Start Date and Time: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। माना जाता है शुभ मुहूर्त और कोई कार्य अगर किया जाए, तो वह सफल हो जाता है। आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में पंचक लगने के बाद शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पंचक 5 दिन की होती हैं। इस बार वैदिक पंचांग के मुताबिक पंचक 06 अक्टूबर 2022, गुरुवार से आरंभ हो रही हैं और 10 अक्टूबर 2022, सोमवार को पंचंक समाप्त होंगी। शास्त्रों के अनुसार अगर पंचक गुरुवार से शुरू हो रही हैं, तो वह शुभ मानी जाती हैं। आइए जानते हैं पंचक काल कब से कब तक है…
जानिए पंचक कब से कब तक
अक्टूबर माह में पंचक प्रारंभ : 06 अक्टूबर 2022, गुरुवार, सुबह 08 बजकर 29 मिनट से आरंभ
अक्टूबर माह में पंचक समाप्त: 10 अक्टूबर 2022, सोमवार शाम 04 बजकर 03 मिनट समाप्त
ऐसे बनता है पंचक का योग
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक चन्द्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूवार्भाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण काल पंचक काल माना जाता है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है। मतलब पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को ‘पंचक’ कहा जाता है।
पंचकों में इन 5 कार्यों की होती है मनाही
1- पंचक के दौरान चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता।
2- पंचक के समय घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए।
3- दक्षिण दिशा में पंचकों के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यह दिशा यम और पितरों की मानी गई है।
4-पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
5- शास्त्रों के अनुसार शय्या का निर्माण पंचकों के दौरान नहीं करना चाहिए। वहीं अगर किसी व्यक्ति की पंचकों के दौरान मृत्यु हुई है तो मृतक के शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश के बनाकर रखने की मान्यता है। माना जाता है कि ऐसा करने से पंचक दोष समाप्त हो जाता है।