हिंदू धर्म में तुलसी की बड़ी महत्ता है, लगभग सभी धार्मिक अनुष्ठानों में तुलसी का प्रयोग किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी को बेहद ही पवित्र माना जाता है, साथ ही हर घर में तुलसी की पूजा भी होती है। इसके साथ ही तुलसी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सर्दी और जुकाम आदि से भी छुटकारा दिलाने में मदद करती है। वास्तु शास्त्र में तुलसी के पत्ते तोड़ने के कुछ नियम बताए गए हैं, अगर इन नियमों का पालन ना किया जाए तो इसके अशुभ परिणाम मिलते हैं।

जानिये तुलसी से जुड़े नियम:

नाखूनों से नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते: वास्तु शास्त्र के मुताबिक तुलसी के पत्ते को कभी भी नाखूनों से नहीं तोड़ना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है। तुलसी के पत्तों को तोड़ने से पहले एक बार उसके हाथ जोड़कर अनुमति जरूर लेनी चाहिए। साथ ही शाम के समय तुलसी के पास दीपक जरूर जलाना चाहिए।

सूखे पत्तों को ना फेंके: अक्सर जब तुलसी के सूखे पत्ते टूटकर नीचे गिर जाते हैं तो लोग इन्हें कूड़ेदान में फेंक देते हैं। हालांकि ऐसा करना वास्तु शास्त्र में गलत माना गया है। वास्तु के अनुसार सूखे पत्तों को कभी भी फेंकना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें तुलसी के पौधे की मिट्टी में ही डालकर दबा देना चाहिए।

एकादशी के दिन ना तोड़ें: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार एकादशी के दिन कभी भी तुलसी के पत्ते तोड़ने नहीं चाहिए। इसके अलावा रविवार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के समय भी तुलसी नहीं छोड़नी चाहिए।

इस दिशा में नहीं लगाना चाहिए तुलसी का पौधा: कभी भी घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से अशुभ परिणाम मिलते हैं। साथ ही कभी भी धरती में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए।

बेवजह ना तोड़े तुलसी के पत्ते: वास्तु शास्त्र के मुताबिक बेवजह तुलसी के पत्ते तोड़ना पाप माना जाता है। साथ ही तुलसी को कभी भी चबाकर नहीं खाना चाहिए बल्कि उसके हमेशा सटकना चाहिए। क्योंकि तुलसी में मौजूद तत्व दांतों के लिए हानिकारक साबित होते हैं।