Samudrik Shastra: सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें व्यक्ति के अगों की बनावट और आकार के आधार पर फलित किया जाता है। आपको बता दें कि इस ग्रंथ की रचना समुद्र ऋषि ने की थी, इसलिए इस ग्रंथ का नाम सामुद्रिक शास्त्र है। सामुद्रिक शास्त्र में तिलोंं के आधार पर भी फलित किया जाता है। आपको बता दें कि हर तिल शुभ नहीं होता है, कुछ तिल अशुभ भी होते हैं। हम बात करने जा रहे हैं उन लोगों के बारे में जिनकी गर्दन पर तिल होता है। आइए जातने हैं…इन लोगों से जुड़ी खास बातें…
होते हैं न्यायप्रिय और शांतप्रिय
गले के बीच में जिन लोगों के तिल होता है। वे लोग न्यायप्रिय और शांतप्रिय होते हैं। साथ ही ये लोग व्यवहारिक भी होते हैं। इन लोगों को लापरवाही बर्दाश्त नहीं होती। इसलिए ये लोग अपना काम समय पर निपटाते हैं। साथ ही लोग कार्यस्थल पर मेहनत के दम पर नाम कमाते हैं। वहीं इन लोगों की खास बात यह होती है कि इनकी दृढ़ इच्छाशक्ति इन्हें खूब आगे लेकर जाती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति बहुत खुद्दार होते हैं।
स्पष्टवादी और भरोसेमंद होते हैंं
सामुद्रिक शास्त्र अनुसार जिन लोगों के गले के ऊपर ही हिस्से पर तिल होता है। वे लोग स्पष्टवादी और भरोसेमंद होते हैं। ये लोग धन की बचत करने में माहिर होते हैं। साथ ही ये लोग फालतू खर्च करने से बचते हैं। वहीं ये लोग दूरदर्शी होते हैं। साथ ही वहीं इन लोगों के अंदर नेतृत्व करने की क्षमता होती है। मतलब ये लोग टीम को अच्छे से लीड करते हैं। ये लोग जिस लक्ष्य के पीछे पड़ जाएं तो उसे पाकर ही दम लेते हैं। ऐसे लोगों में आत्मसम्मान का भाव बहुत अधिक होता है।
कामुक और आस्तिक होते हैं
गले के निचले हिस्से पर जिन लोगों के तिल होता है वे लोग थोड़े रोमांटिक और कामुक होते हैं। साथ ही इन लोगों को लग्जरी लाइफ जीना पसंद होता है। ये लोग घूमना- फिरना पसंद होता है। ये लोग वर्तमान में जीते हैं। साथ ही ये लोग कर्म करने पर ज्यादा विश्वास रखते हैं। ये लोग आस्तिक भी होते हैं। ये अपने लव पार्टनर से विशेष प्रेम करते हैं। ये लोग मस्तमौला होते हैं। साथ ही ये लोग अपनी फ्रेंड सर्किल में लोकप्रिय भी होते हैं। ये लोग थोड़े मजाकिया स्वभाव के होते हैं।