Chandrma Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में यह मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, यात्रा, सुख-शांति, धन-संपत्ति, रक्त, बायीं आंख, छाती आदि के कारक माने गए हैं। वहीं चंद्रमा राशियों में कर्क और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी होते हैं। साथ ही अगर इनके आकार की बात करें तो इनका आकार ग्रहों में सबसे छोटा है परंतु इसकी गति सबसे तेज़ होती है। चंद्रमा के गोचर की अवधि सबसे कम होती है। यह लगभग सवा दो दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में संचरण करता है। साथ ही चंद्रमा कर्क राशि में नीच के और वृष राशि में उच्च के माने जाते हैं। आइए जानते हैं चंद्रमा के होने वाले रोग और उनके उपाय…
मानसिक परेशानी हो सकती है
वैदिक ज्योतिष अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थित हो तो इस समय व्यक्ति को मानसिक कमजोरी हो जाती है। साथ ही व्यक्ति की मां को किसी न किसी प्रकार की परेशानी हो सकती हैं। कोई बीमारी हो सकती है। वहीं घर में पानी की कमी हो जाती है। कई बार जातक इस दौरान आत्महत्या करनी की कोशिश करता है।
हो सकते हैं ये रोग
वैदिक ज्योतिष शास्त्र मुताबिक यदि कुंडली में चंद्रमा नकारात्मक और अशुभ स्थित हो तो व्यक्ति को मस्तिष्क पीड़ा, सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन, भय, घबराहट, दमा, रक्त से संबंधित विकार, मिर्गी के दौरे, पागलपन अथवा बेहोशी आदि की समस्या हो सकती है।
अनिद्रा की हो सकती है समस्या
वहीं चंद्रमा जन्म कुंडली में अशुभ होने से खांसी-जुकाम, अस्थमा, आईएलडी आदि सांस या फेफड़ों से संबंधित बीमारियां परेशान करती हैं। वहीं एकाग्रता की कमी, नींद न आना और दिमाग को विचलित करने वाली सभी समस्याओं की वजह भी चंद्र का अशुभ होना ही है।
करें ये उपाय
इन मंत्रों का करें जाप:
चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए। चंद्रमा के मंत्र इस प्रकार हैं।
ऊं सों सोमाय नम:।
ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:
ऊं श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:
चंद्रमा को दें अर्घ्य
चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए चांदी के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल, दूध, चावल और शक्कर मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव और चंद्रमा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करें ये व्रत
प्रत्येक पूर्णिमा पर व्रत करके चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा का नकारात्मक प्रभाव दूर होता है।
हर सोमवार करें भगवान शिव की पूजा
वैदिक ज्योतिष अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में अगर चंद्रमा कमजोर या अशुभ हो तो उसको हर सोमवार को शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।