Margashirsha Purnima 2024: सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह को बहुत खास माना गया है। इस महीने में आने वाले व्रत-त्योहार का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यता है के अनुसार, इस माह में आने वाले व्रत-त्योहार के दिन सच्चे दिल से पूजा-पाठ करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं और मनचाहा फल मिलता है। फिलहाल मार्गशीर्ष माह चल रहा है और मार्गशीर्ष माह खत्म होने से पहले पूर्णिमा तिथि आएगी। यह साल की अंतिम पूर्णिमा होगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 और दिसंबर माह की आखिरी पूर्णिमा का व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानि 15 दिसंबर को रखा जाएगा। इस दिन लक्ष्मी-नारायण जी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ आपको कुछ विशेष नियमों का भी पालन अवश्य करना चाहिए। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। दरअसल, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन आपको कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
चंद्र देव का अपमान न करें
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का सीधा संबंध चंद्र देव से है। ऐसे में इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देना और उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है। लेकिन इस दिन गलती से भी चंद्र देवता का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं और सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
रात को जागकर पूजा करें
हिंदू धर्म में पूर्णिमा की रात का विशेष महत्व होता है। ऐसे में पूर्णिमा की रात को सोने के बजाय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शांति और धन की बरकत होती है।
बाल और नाखून न काटें
पूर्णिमा के दिन दिन बाल, दाढ़ी या नाखून काटने से बचें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और चंद्र देव नाराज हो सकते हैं। इससे घर में क्लेश और आर्थिक परेशानियां आ सकती हैं।
काले कपड़े न पहनें
पूर्णिमा के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन हल्के और शुभ रंग जैसे सफेद या पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
तुलसी के पत्ते न तोड़ें
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है और भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से विष्णु जी और देवी तुलसी नाराज हो सकती हैं।
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