Pradosh Vrat December 2020: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता हैं। साल का आखिरी प्रदोष व्रत 27 दिसंबर, रविवार को किया जाएगा। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत के माध्यम से जो व्यक्ति भगवान शिव को प्रसन्न कर लेता है, उसके सभी दुख, संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं। माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति को रोगों का भय नहीं रहता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल को साफ करें। इसके बाद गंगाजल छिड़ककर स्थान को पवित्र करें।
एक चौकी लें। उस पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर चौकी के चारों ओर कलावा बांधें।
अब चौकी पर भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र विराजित करें।
शिव जी के चरणों पर गंगाजल चढ़ाएं फिर उन्हें सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
भगवान शिव को सफेद गोपी चन्दन का तिलक लगाएं।
अगर आप शिव प्रदोष व्रत के अवसर पर शिवलिंग की उपासना करते हैं तो सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर संभव हो तो उन पर धतूरा और भांग चढ़ाएं। अगर धतूरा-भांग ना मिल पाए तो मौसमी फल चढ़ा सकते हैं।
धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। फिर भगवान शिव स्तुति, शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र और शिव मंत्रों से भगवान शिव को प्रसन्न करें।
भगवान शिव का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद शिव जी की आरती करें।
संभव हो तो उन्हें खीर का भोग लगाएं। कहा जाता है कि भगवान शिव को खीर का भोग पसंद है।
पूजा संपन्न होने पर भगवान शिव से पूजा में हुई गलतियों की क्षमा मांगे।
भगवान शिव के मंत्र (Shiv Mantra)
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ नमः शिवाय।
ॐ आशुतोषाय नमः।
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Puja Ka Shubh Muhurat)
सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त – 27 दिसंबर, शनिवार – सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक।
संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त – 27 दिसंबर, शनिवार – शाम 5 बजकर 32 मिनट से शाम 6 बजकर 54 मिनट तक।