हिंदू धर्म में जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। साथ ही इस दिन भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आपको बता दें कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, लग्न वृषभ राशि और बुधवार का दिन था। वहीं भगवान का जन्म मध्य रात्रि को हुआ था। इस दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के रूप में उनकी मूर्ति का पूजन करना शुभ होता है। वहीं इस साल जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
वहीं आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडिओ वायरल हो रहा है, जिसमें प्रेमानंद महाराज से एक भक्त पूछ रहा है कि जन्माष्टमी का व्रत रखते समय कौन- कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए। जिस पर महाराज जी उत्तर दे रहे हैं कि व्रत जिस दिन आप रख रहे हैं, उस दिन किसी के घर पर जाकर खाना तो दूर पानी तक नहीं पीना चाहिए। अन्यथा व्रत खंडित हो जाता है। साथ ही हो सके तो किसी के घर जाने से भी बचना चाहिए। वहीं प्याज और लहसुन भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही पूरे दिन हरि का भजन करना चाहिए। साथ ही व्रत वाले दिन व्यक्ति को केवल एक बार कुछ फल- फलहार ग्रहण करने चाहिए। जल कई बार ले सकते हैं।
वहीं प्रेमानंद महाराज ने कहा कि व्रत रखने के साथ व्रत खोलना का भी सही तरीका मालूम होना चाहिए। महाराज जी ने कहा कि श्री कृष्ण के जन्म के बाद मध्य रात्रि में फलाहार या पंचामृत से व्रत खोलना चाहिए। ऐसा करने से 100 जन्मों का पाप का नाश होता है। साथ ही मन, वचन और कर्म से शुद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत मोक्ष और सौभाग्य दोनों प्रदान करता है।
कौन हैं प्रेमानंद महाराज
संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज एक महान कथा वाचक हैं और वह वृंदावन के केलीकुंज स्थान पर रहते हैं। इससे पहले महाराज जी कई साल काशी में रहे थे।
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