Janmashtami 2023: शास्त्रों में जन्माष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि को हुआ था। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति जन्माष्टमी के दिन व्रत रखता है उसको भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उसके जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा- विधि…
जन्माष्टमी तिथि 2023
वैदिक पंचांग के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से आरंभ होगी और 7 सितंबर 2013 दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं भगवान का जन्म रात्रि के 12 बजे हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी पूजा- मुहूर्त 2023
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर 1 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इसलिए इस मुहूर्त में लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना विधि विधान से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
जानिए पूजा- विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। साथ ही इस दिन सुबह गंगाजल हाथ में लेकर व्रत का संकल्प लें। साथ ही जन्माष्टमी पर पूरे दिन भगवान श्रीकृष्ण का कीर्तन करने की परंपरा है। वहीं लोग अपने घर के मंदिर को साफ करते हैं। साथ ही गोपाल जी के साथ सभी भगवान को नई पोशाक पहनाई जाती है। साथ ही रात को भगवान के जन्म के बाद व्रत खोला जाता है। इस दिन शालिग्राम का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। साथ ही भगवान को खोए का प्रसाद लगाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में संपन्नता रहती है। वहीं जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। इसलिए तुलसी के पत्नों को एक दिन पहले तोड़ लें। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करनी चाहिए। वरना व्रत खंडित हो सकता है।