Singhasan Rajyog In Kundli: वैदिक ज्योतिष अनुसार व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योग होते हैं। जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन और आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। वहीं अगर कुंडली में शुभ योग हो तो व्यक्ति राजाओं जैसी जिंदगी जीता है। साथ ही उसको सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। वहीं अगर अशुभ योग स्थिति हो तो व्यक्ति के जीवन में जिंदगीभर धन का अभाव रहता है। साथ ही व्यक्ति का जीवन संघर्षमय कटता है। ऐसे में यहां हम बात करने जा रहे हैं एक बेहद शुभ योग के बारे में, जिसका नाम है सिंहासन है। सिंहासन राजयोग जिसकी कुंडली में भी बनता है उस व्यक्ति को धन संबंधित समस्याएं नहीं रहती हैं साथ ही सरकारी नौकरी मिलने की संभावनाएं भी अधिक रहती है, आइए जानते हैं कुंडली में कैसे बनता है सिंहासन राजयोग और इसके लाभ…
कुंडली में ऐसे बनता है सिंहासन राजयोग
ज्योतिष शास्त्र अनुसार यदि किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में दशम स्थान का स्वामी जैसे मेष राशि से दसवीं राशि मकर का स्वामी शनि वह जन्मकुंडली में पहले चौथे, सातवें या दसवें स्थान में विराजमान हो तो सिंहासन राजयोग का निर्माण होता है। इसके साथ ही दसवें स्थान का स्वामी दूसरे भाव में स्थित हो या पंचम या नौवें भाव में हो तब भी सिंहासन राजयोग बनता है।
होते हैं अच्छे वक्ता और सलाहकार
वैदिक ज्योतिष अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में सिंहासन राजयोग होता है, वह कुशल वक्ता होता है। साथ ही उसकी बातचीत की शैली प्रभावित करने वाली होती है और लोग उससे जुड़ते हैं। साथ ही व्यक्ति अच्छा सलाहकार भी होता है। मतलब ऐसे लोग किसी नेता के पर्सनल सलाहकार बनते हैं। साथ ये लोग दूरदर्शी और बुद्धिमान होते हैं। साथ ही ऐसे लोग अपनी बौद्धिकता के बल पर काम करने में भी कुशल होते हैं।
होते हैं मेहनती और कर्मठ
सिंहासन राजयोग जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है, तो वह मेहनती और कर्मठ होता है। साथ ही लोग अपनी मेहनत के दम पर बड़ा मुकाम हासिल करते हैं। ये लोग वह बहुत ही जिम्मेदार होते हैं और जो काम अपने हाथ में लेते हैं, उसे अच्छा से पूरा करते हैं।