Karwa Chauth Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज 10 अक्टूबर, शुक्रवार को करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ पर करवा माता और भगवान शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वहीं, व्रत का समापन संध्या समय चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य अर्पण के बाद किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। कहा जाता है कि करवा माता की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है, इसलिए आज पूजा के समय करवा माता की आरती अवश्य करें।

करवा चौथ की आरती (Karwa Chauth Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi)

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ॐ जय करवा मैया…

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।

यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।

ॐ जय करवा मैया…

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ॐ जय करवा मैया…

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।

दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ॐ जय करवा मैया…

होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।

गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।

ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

पार्वती माता की आरती (Parvati Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi)

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥

जय पार्वती माता

अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता।

जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता॥

जय पार्वती मातासिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा।

देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥

जय पार्वती माता…

सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।

हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥

जय पार्वती माता…

शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।

सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥

जय पार्वती माता…

सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता।

नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥

जय पार्वती माता…

देवन अरज करत हम चित को लाता।

गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥

जय पार्वती माता…

श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।

सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥

जय पार्वती माता…

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