5 Mistakes to Avoid During Kanya Pujan: शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो चुका है। इस दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं, नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को विशेष रूप से कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन भक्त नौ कन्याओं और एक बालक को भोजन कराते हैं। इसे देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। लेकिन कन्या पूजन में कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी माना जाता है। क्योंकि छोटी-सी भी गलती करने पर इस व्रत का फल अधूरा रह सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कन्या पूजन के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
स्वच्छ स्थान पर भोजन कराएं
कन्या पूजन के दिन सबसे पहला नियम है कि भोजन हमेशा साफ-सुथरे स्थान पर करवाना चाहिए। कन्याओं को बैठाने से पहले जगह पूरी तरह स्वच्छ होनी चाहिए। साथ ही कन्याओं के चरणों को पानी से धोकर ही भोजन कराना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
सात्विक भोजन करवाएं
कन्या पूजन में भोजन सात्विक होना चाहिए। इसका मतलब है कि इसमें प्याज, लहसुन या किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का प्रयोग नहीं होना चाहिए। कन्याओं और बालक को हलवा, पूरी, चने और सब्जी खिलाना चाहिए। इससे पूजा का महत्व बढ़ता है और व्रत का फल मिलता है।
कन्याओं का अपमान न करें
कन्या पूजन के दौरान कई बार छोटे बालक या कन्याएं शरारत कर सकती हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि उनका अपमान किया जाए। इस दिन आपको हमेशा धैर्य और प्रेम के साथ उनका सम्मान करना चाहिए। क्रोध या कठोर व्यवहार व्रत की पूजा में बाधा डाल सकता है। इसलिए पूजा के समय हमेशा शांति और आदर बनाए रखना जरूरी है।
काले कपड़े न पहनें और न दें
कन्या पूजन के दौरान काले वस्त्र पहनना अशुभ माना जाता है। न केवल पूजा करने वाले को बल्कि कन्याओं को भी काले कपड़े गिफ्ट में नहीं देने चाहिए। हिंदू धर्म में काले रंग को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है, इसलिए इसे पूजा में शामिल करना वर्जित है।
दक्षिणा देना अनिवार्य
कन्या पूजन के बाद दक्षिणा देना एक अनिवार्य माना जाता है। दक्षिणा केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह कन्याओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। आप दक्षिणा के साथ उन्हें उपहार भी दे सकते हैं।
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