Kamika Ekadashi Parana Vidhi and Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को पुण्यदायी और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। पंचांग के अनुसार, हर माह में दो एकादशी तिथि आती है और सावन मास की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल यह व्रत आज यानि 21 जुलाई को रखा जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस दिन सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी है। वहीं एकादशी तिथि का पारण 22 जुलाई को मंगला गौरी व्रत के दिन किया जाएगा। बता दें कि जैसे व्रत का पालन नियमपूर्वक करना आवश्यक होता है, वैसे ही उसका पारण भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि एकादशी व्रत का पारण कब किया जाएगा और क्या है इसकी सही विधि…..
कब करें एकादशी व्रत का पारण?
बता दें कि एकादशी व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष के अनुसार, पारण द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद और तिथि समाप्त होने से पहले करना चाहिए। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाए, तब भी पारण सूर्योदय के बाद ही करना शुभ माना गया है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, 22 जुलाई 2025 को कामिका एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। इस दिन व्रत तोड़ने का शुभ समय सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा।
कामिका एकादशी व्रत पारण की विधि
व्रत पारण के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। उसके बाद सूर्य भगवान को जल चढ़ाकर अर्घ्य दें। फिर घर के पूजा स्थान की सफाई कर वहां गंगाजल का छिड़काव करें। अब भगवान विष्णु के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें। फिर विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा या अन्य विष्णु मंत्रों का जप करें। भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें। इसके बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करें और स्वयं भी भोग या प्रसाद ग्रहण करें।
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