Diwali Hanuman Puja: दिवाली से एक दिन पहले काली चौदस, नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाते हैं। इस दिन यमराज, मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के दिन भगवान राम रावण का वध करके 14 वर्षों का वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे। उनकी वापस आने की खुशी में ही दिवाली का पर्व मनाया जाता है। हनुमान जी ने अपने समर्पण और भक्ति से श्री राम को प्रसन्न कर लिया था। इसी के कारण हनुमान जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था कि संसार में उनकी पूजा करने से पहले उनके परम भक्त हनुमान की जी पूजा की जाएगी। बस इसी के कारण दिवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की विधिवत पूजा की जाती है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

काली चौदस कब से कब तक

हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 59 मिनट पर चतुर्दशी तिथि आरंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 12 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो रही है।

हनुमान पूजन पर बन रहा है शुभ

11 नवंबर को काली चौदस के दिन प्रीति योग बन रहा है, जो काफी शुभ योग माना जाता है। इस योग में कोई भी काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बता दें कि प्रीति योग 10 नवंबर को शाम 05 बजकर 04 मिनट से आरंभ होगा, जो 11 नवंबर को शाम 04 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा।

ऐसे करें हनुमान जी की पूजा

काली चौदस के दिन नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। फिर एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर हनुमान की तस्वीर या मूर्ति रख लें। सबसे पहले पुष्प की मदद से जल से आचमन करें। इसके बाद अनामिका अंगुली से हनुमान जी को रोली, कुमकुम आदि लगाएं। इसके साथ ही फूल, माला आदि अर्पित करें। इसके साथ ही बूंदी के लड्डू या फिर कोई अन्य मिठाई का भोग लगाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाने के साथ विधिवत हनुमान चालीसा, मंत्र का पाठ कर लें। इसके बाद विधिवत आरती कर लें। अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें।