Jitiya 2020 Date: जितिया व्रत 2020 (Jitiya Vrat 2020) हिंदू कैलेंडर के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत किया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक इस साल जितिया व्रत 10 सितंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। हर साल यह व्रत दिवाली से लगभग 40 दिन पहले आता है। लेकिन इस साल अधिक मास लगने की वजह से यह व्रत दिवाली से कई दिन पहले आ गया है। जितिया व्रत को जिउतिया व्रत (Jiutiya Vrat) या जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) भी कहा जाता है।

जितिया व्रत का महत्व (Jitiya Vrat Ka Mahatva/ Jitiya Vrat Importance): मान्यता है कि जितिया व्रत के दिन जो स्त्रियां अपनी संतान की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना से निर्जला व्रत करती हैं, ईश्वर की कृपा से उनकी संतान की लंबी उम्र होती है। जितिया व्रत की कथा के अनुसार यह माना जाता है कि इस व्रत का महत्व महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। जब भगवान श्री कृष्ण ने उत्तरा के गर्भ में पल रहे पांडव पुत्र की रक्षा के लिए अपने सभी पुण्य कर्मों से उसे पुनर्जीवित किया था। तब से ही स्त्रियां आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को निर्जला व्रत रखती हैं। कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्री कृष्ण व्रती स्त्रियों की संतानों की रक्षा करते हैं। इस व्रत को उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है।

जितिया व्रत विधि (Jitiya Vrat Vidhi): आश्विन मास की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत किया जाता है। यह उत्सव 3 दिनों तक चलता है। व्रत की एक दिन पहले ही यानी सप्तमी तिथि को नहाय खाय मनाया जाता है। अष्टमी तिथि लगते ही स्त्रियां निर्जला व्रत शुरु कर देती हैं। अष्टमी तिथि को पूरा दिन रात स्त्रियां बिना अन्न, जल और फल खाए रहती हैं। फिर अगले दिन यानि नवमी तिथि लगने पर जितिया व्रत का पारण किया जाता है। यहां पारण का मतलब व्रत खोलने से है। नवमी तिथि को शुभ मुहूर्त में व्रत खोला जाता है। व्रत खोलने से पहले दान-दक्षिणा निकाली जाती है। फिर उसके बाद ही व्रती स्त्री कुछ खा या पी सकती है।

जितिया व्रत शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Shubh Muhurat): 
अष्टमी तिथि आरंभ – 10 सितंबर, गुरुवार – सुबह 02 बजकर 05 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त – 11 सितंबर, शुक्रवार – सुबह 03 बजकर 34 मिनट तक
पारण करने का समय – 11 सितंबर, शुक्रवार – दोपहर 12 बजे तक