देश की जानी-मानी कथावाचिका और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी जी ने छोटी-सी उम्र में ही एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। बचपन से ही जया किशोरी जी का मन श्रीकृष्ण भक्ति में रम गया था। 7 साल की छोटी उम्र से जया किशोरी जी के आध्यात्मिक सफर की शुरुआत हो गई थी। 9 साल की छोटी उम्र में ही जया किशोरी ज ने संस्कृत में लिंगाष्टम, शिव तांडव स्त्रोतम्, श्रीरूद्राष्टकम, रामाष्टकम, मधुराष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्त्रोत, दारिद्रय दहन जैसी कठिन स्त्रोतों को सुनाना शुरू कर दिया था।

इनके हुनर और भक्ति के प्रति लगाव को देख लाखों लोग इन्हें फॉलो करने लगे। कथावाचन के अलावा जया किशोरी लोगों को सही और सुखी जीवन जीने की सलाह भी देती हैं।

हाल ही में जया किशोरी जी ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक पोस्ट साझा किया है। इसमें उन्होंने सही और सुखी जीवन जीने के 6 मूल मंत्र बताएं हैं। इस पोस्ट में जया किशोरी जी बता रही हैं मनुष्य को अपने जीवन में कभी भी किसी बात को लेकर जल्दी नहीं करनी चाहिए। बल्कि, पूरा सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए। क्योंकि, जल्दबाजी में आप ऐसे फैसले ले सकते हैं, जिनके लेकर आने वाले जीवन में आपको पछताना पड़ सकता है।

धैर्य बनाएं रखें: किशोरी जी का मानना है कि सुखी जीवन जीने के लिए धैर्य रखना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि, धैर्य रखने से आपकी सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है।

 

 

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जीवन को हमेशा सुंदर ही रहने दें: जया किशोरी जी का कहना है कि जीवन को हमेशा सुंदर ही रहने देना चाहिए। इसे अपनी महत्वकांक्षाओं और इच्छाओं के जरिए बेकार नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जया किशोरी का मानना है कि आप जिस भी चीज के लायक हैं, उसे प्राप्त करने के लिए हमेशा धैर्य बनाए रखें।

 

 

अभी से खुश रहना शुरू करें: जया किशोरी जी का मानना है कि अगर आपको सुखी जीवन व्यतीत करना है, तो छोटे-छोटे पलों में भी खुश रहना चाहिए। इससे आपकी जिंदगी के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है।

 

 

जीवन को सराहें: सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए जीवन को हमेशा सराहना चाहिए। क्योंकि, हिंदू धर्म में मान्यता है कि मनुष्य का जीवन बेहद ही मुश्किल में मिलता है। ऐसे में हमेशा खुश रहना चाहिए।