January 2024 Pradosh Vrat Date: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस प्रदोष व्रत पर पूरे दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है। मान्या है जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ प्रदोष व्रत रखता है। उसके जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं जो अविवाहित हैं उनके विवाह के योग बनते हैं। वहीं साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को रखा जाएगा और इस दिन मंगलवार है। इशलिए इसे भौम प्रदोष कहा जाएगा। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त…
भौम प्रदोष व्रत तिथि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि का आरंभ 8 जनवरी 2024 की रात 11 बजकर 58 मिनट से हो और इसका समापन 9 जनवरी की रात 10 बजकर 24 मिनट पर होगा। वहीं भगवान शिव की पूजा प्रदोष व्रत में की जाती है। इसलिए प्रदोष व्रत 9 जनवरी को ही रखा जाएगा।
भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 2024
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक भौम व्रत का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 42 से शुरू होकर रात 08 बजकर 25 तक रहेगा। इस बीच में भगवान शिव की पूजा की जा सकती है।
भौम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
भौम प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा व्यक्ति के ऊपर सदा रहती है। साथ ही जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है। वहीं भौम प्रदोष व्रत रखने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही अज्ञात भय खत्म होता है और साहस, पराक्रम की वृद्धि होती है।
भौम प्रदोष व्रत आरती (Bhauma Pradosh Vrat Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ॐ जय शिव॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ॐ जय शिव॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ॐ जय शिव॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ॐ जय शिव॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ॐ जय शिव॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ॐ जय शिव॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ॐ जय शिव॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ॐ जय शिव॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ॐ जय शिव॥