Shree Krishna 108 naam jaap on Janmashtami 2025: इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी। हर साल पूरे भारत में श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण के मंदिरों को दीपों और फूलों से सजाया जाता है। मान्यता है कि यदि इस दिन पूरी विधि और नियमों के अनुसार पूजा की जाए, तो श्री कृष्ण की कृपा भक्तों पर बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के अन्नत स्वरूपों के 108 नामों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से कान्हा के आशीर्वाद से आपके सभी दुख दूर होंगे और आने वाला समय आपके लिए सुख और सौभाग्य लेकर आएगा।
भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम
- कृष्ण
- कमलनाथ
- वासुदेव
- सनातन
- वसुदेवात्मज
- पुण्य
- लीलामानुष विग्रह
- श्रीवत्स कौस्तुभधराय
- यशोदावत्सल
- हरि
- चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा
- सङ्खाम्बुजा युदायुजाय
- देवाकीनन्दन
- श्रीशाय
- नन्दगोप प्रियात्मज
- यमुनावेगा संहार
- बलभद्र प्रियनुज
- पूतना जीवित हर
- शकटासुर भञ्जन
- नन्दव्रज जनानन्दिन
- सच्चिदानन्दविग्रह
- नवनीत विलिप्ताङ्ग
- नवनीतनटन
- मुचुकुन्द प्रसादक
- षोडशस्त्री सहस्रेश
- त्रिभङ्गी
- मधुराकृत
- शुकवागमृताब्दीन्दवे
- गोविन्द
- योगीपति
- वत्सवाटि चराय
- अनन्त
- धेनुकासुरभञ्जनाय
- तृणी-कृत-तृणावर्ताय
- यमलार्जुन भञ्जन
- उत्तलोत्तालभेत्रे
- तमाल श्यामल कृता
- गोप गोपीश्वर
- योगी
- कोटिसूर्य समप्रभा
- इलापति
- परंज्योतिष
- यादवेंद्र
- यदूद्वहाय
- वनमालिने
- पीतवससे
- पारिजातापहारकाय
- गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे
- गोपाल
- सर्वपालकाय
- अजाय
- निरञ्जन
- कामजनक
- कञ्जलोचनाय
- मधुघ्ने
- मथुरानाथ
- द्वारकानायक
- बलि
- बृन्दावनान्त सञ्चारिणे
- तुलसीदाम भूषनाय
- स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे
- नरनारयणात्मकाय
- कुब्जा कृष्णाम्बरधराय
- मायिने
- परमपुरुष
- मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय
- संसारवैरी
- कंसारिर
- मुरारी
- नाराकान्तक
- अनादि ब्रह्मचारिक
- कृष्णाव्यसन कर्शक
- शिशुपालशिरश्छेत्त
- दुर्यॊधनकुलान्तकृत
- विदुराक्रूर वरद
- विश्वरूपप्रदर्शक
- सत्यवाचॆ
- सत्य सङ्कल्प
- सत्यभामारता
- जयी
- सुभद्रा पूर्वज
- विष्णु
- भीष्ममुक्ति प्रदायक
- जगद्गुरू
- जगन्नाथ
- वॆणुनाद विशारद
- वृषभासुर विध्वंसि
- बाणासुर करान्तकृत
- युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे
- बर्हिबर्हावतंसक
- पार्थसारथी
- अव्यक्त
- गीतामृत महोदधी
- कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज
- दामोदर
- यज्ञभोक्त
- दानवेन्द्र विनाशक
- नारायण
- परब्रह्म
- पन्नगाशन वाहन
- जलक्रीडा समासक्त गोपीवस्त्रापहाराक
- पुण्य श्लॊक
- तीर्थकरा
- वेदवेद्या
- दयानिधि
- सर्वभूतात्मका
- सर्वग्रहरुपी
- परात्पराय
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