Jagannath Mandir ki Tisri Sidhi ka Rahasya: विश्वभर में कई ऐसे मंदिर हैं जो कई सारी मान्यताओं और रहस्यों के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से एक चार धामों में शामिल जगन्नाथ मंदिर है, जो अपनी अद्भुत मान्यताओं और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर को धरती का बैकुंठ कहा जाता है। इस पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पापों का नाश हो जाता है। औडिशा के पुरी में स्थित इस मंदिर में ऐसे कई चमत्कार होते हैं, जिन्हें विज्ञान भी आज तक नहीं समझ पाया है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी से जुड़ी अनोखी और रहस्यमयी कथा के बारे में।
जानिए जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के दर्शन से लोग पाप मुक्त होने लगे थे, जिसे देखकर यमराज परेशान होने लगे और वह स्वयं भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचे। यमराज ने भगवान जगन्नाथ से कहा कि, भगवान, आपने पाप मुक्ति का इतना सरल मार्ग बता दिया है कि लोग आपके दर्शन कर आसानी से पाप मुक्त हो रहे हैं और अब कोई भी यमलोक नहीं आ रहा। यमराज की यह बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि आप मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें, जिसे यमशिला के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर मेरे दर्शन करने के बाद कोई भी इस शिला पर पैर रखेगा, तो उसके सारे पुण्य नष्ट हो जाएंगे और उसे यमलोक जाना पड़ेगा।
जगन्नाथ मंदिर जाएं तो इस बात का रखें ध्यान
आपको बता दें कि जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय नीचे से गिनी जाने वाली तीसरी सीढ़ी पर यमशिला स्थित है। यह शिला काले रंग की है और इसका रंग बाकी सीढ़ियों से बिल्कुल अलग है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर से दर्शन करके वापस लौटते समय उस शिला पर पैर नहीं रखने चाहिए। ऐसे में अगर आप भी जगन्नाथ मंदिर दर्शन के लिए जा रहे हैं तो मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर बनी यम शिला पैर न रखें।
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