Sri Sri Ravi Shankar Motivational Quotes On Independence Day 2024: 15 अगस्त 1947 वो ऐतिहासिक दिन है जब अपना देश यानी भारत अंग्रेजी की हुकूमत से आजाद हुआ था। इसके बाद से हर साल 15 अगस्त के दिन को भारत का स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और देशप्रेम को याद करते हैं। देशभर में आजादी का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों से लेकर दफ्तरों तक में जश्न बनता दिख जाता है। तिरंगे के रंगों में पूरा देश रंगा नजर आता है। हर कोई स्वतंत्रता दिवस मनाता है और एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। व्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का कहना है कि क्या हम वास्तव में स्वतंत्र है। देश तो अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हो चुका है, लेकिन हम खुद की बेड़ियों से कब आजाद होंगे। बुरी आदतों से लेकर मानसिक, शारीरिक पीड़ा से कब आजाद होंगे। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के इन कोट्स में आसानी से मिल जाता है।
हम तब तक स्वतंत्र होने का दावा नहीं कर सकते जब तक हम अपने मन की बेड़ियों से आज़ाद नहीं हो जाते। निर्भीकता, ख़ुशी और आत्मविश्वास स्वतंत्रता को इंगित करते हैं।
इस स्वतंत्रता दिवस पर भारत को नशा मुक्त करने का संकल्प लें। नशे को ‘न’ कहें! केवल जब हम नशे और बुरी आदतों से मुक्त हों सकेंगे तभी वास्तविक स्वतंत्रता का उत्सव मना पायेंगे।
आज पूरा विश्व जिस मानसिक स्वास्थ्य की पीड़ा गुज़र रहा है, देश को उससे मुक्त करें। जीवन में स्फूर्ति लायें। जब तक आप आलस्य को छोड़कर स्फूर्तिवान नहीं बनेंगे और मेहनत और चतुराई से काम नहीं करेंगे, तब तक आप यह नहीं कह सकते कि आप स्वतंत्र हैं।
इस स्वतंत्रता दिवस पर निडर और एकाग्रचित्त रहने का लक्ष्य बनाएँ।
जब तक आप अपने आप को संकुचित विचारधाराओं, संकुचित मनोभावों और संकुचित सोच से मुक्त नहीं करेंगे और चीज़ों को विशाल दृष्टिकोण से नहीं देखेंगे, तब तक आप स्वतंत्र होने का दावा नहीं कर सकते।
आपके जीवन में एक लक्ष्य होना और आपके मन का बिना किसी तनाव, भय, चिंता, बुरी आदतों या नशे की बेड़ियों से मुक्त होना ही स्वतंत्रता है।
बता दें कि गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर केवल भारत नहीं नहीं बल्कि विदेशों में भी आध्यात्मिक और मानववादी गुरु के रूप में माने जाते हैं। वह अपने विचारों से हर किसी को प्रेरित करते हैं। उन्होंने तनावमुक्त एवं हिंसा मुक्त समाज की स्थापना के लिए एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन चलाया है। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग नामक संस्था की स्थापना की, जो शैक्षणिक एवं आत्म-विकास के कार्यक्रम तनाव को समाप्त कर कल्याण की भावना को बढ़ावा देने वाले शक्तिशाली साधन प्रदान करते हैं।