आपने मूलांक के बारे में सुना होगा। ज्योतिष शास्त्र में अक्सर इसका प्रयोग होता रहता है। हर किसी का अपना मूलांक होता है। मूलांक जन्मतिथि के आधार पर निकाला जाता है। आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। मूलांक 1 से लेकर 9 तक होते हैं। यानी कि 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9 है। मूलांक का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व है। ज्योतिष में मूलांक के आधार पर किसी व्यक्ति के बारे में कई सारी जानकारियां हासिल की जाती हैं। मूलांक के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव को बताया जा सकता है। मूलांक से व्यक्ति के लिए शुभ-अशुभ को जाना जा सकता है। साथ ही मूलांक से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।

मूलांक जन्मतिथि के आधार पर ही निकाला जाता है। जिस व्यक्ति का जन्म 1 से लेकर 9 तारीख तक हुआ होता है, उनका मूलांक वही तिथि होती है। यानी कि यदि आपका जन्म किसी महीने की 2 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। यदि आपका जन्म किसी महीने की 7 तारीख को हुआ हो तो आपका मूलांक 7 होगा। 1 और 9 तारीख के अलावा बाकि लोगों का मूलांक उनकी जन्म तिथि की संख्याओं को जोड़कर निकालते हैं। उदाहरण स्वरूप, यदि आपका जन्म किसी महीने की 15 तारीख को हुआ हो तो आपका मूलांक 1+5=6 होगा। यदि जन्म 27 तारीख को हुआ हो तो मूलांक 2+7=9 होगा।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर एक मूलांक पर किसी खास ग्रह का प्रभाव होता है। ऐसे में उस मूलांकधारी व्यक्ति का जीवन उसकी कुंडली में मौजूद उस ग्रह की दशा से प्रभावित होता रहता है। यदि कुंडली में उस ग्रह की दशा मजबूत हो तो उससे जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही मूलांक संबंधी ग्रह की दशा सही होने पर उस ग्रह के लाभ भी व्यक्ति को मिलते हैं। वहीं, ग्रह की दशा को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय भी किए जाते हैं।